सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल पहुंचने से पहले ही जिला जेल के वार्डन की मौत हो गई। साथी की मौत की सूचना पर पहुंचे 25 से अधिक जेल वार्डनों ने जेल अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि जेल अधीक्षक तब तक छुट्टी नहीं देते, जब तक बीमार परिजन की मौत नहीं हो जाती।
जिला जेल में तैनात जेल वार्डन जगदीश प्रसाद (56) को शाम के वक्त सीने में दर्द हुआ। इसके बाद जेल स्टाफ और परिजन निजी अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टर ने जांच के लिए लिखा। जांच कराने के दौरान ही उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें रात को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। साथी की मौत की सूचना मिलते ही जिला जेल से 25 से अधिक वार्डन लोहिया अस्पताल पहुंच गए। उनमें जेल अधीक्षक के खिलाफ आक्रोश शुरू हो गया। इसी दौरान कुछ साथियों ने जेल अधीक्षक पर अत्याचार करने का आरोप लगाया।