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बच सकती थी मासूम की जान: नगर पंचायत कार्यालय तो बन गया, लेकिन जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी.

इसी जगह जलभराव में हुई थी बच्चे की मौत
– फोटो : संवाद

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बरौली नगर पंचायत का कार्यालय बनवाने के साथ ही जिम्मेदारों ने आसपास क्षेत्र की जलनिकासी का भी इंतजाम कर दिया होता तो रविवार को डेढ़ साल के मासूम की जान नहीं जाती। हालांकि इसके बाद भी नगर पंचायत के जिम्मेदार सोमवार की दोपहर तक कस्बे में नजर नहीं आए, लेकिन शाम के समय मोबाइल पर बातचीत में अधिशासी अधिकारी रामा द्विवेदी ने दावा किया कि जेसीबी भेजकर नाले की सफाई करवाई जा रही है ताकि पानी निकल सके।

 

रविवार की दोपहर अपने दरवाजे के पास खेल रहा कस्बा निवासी शौकत अली का डेढ़ साल का मासूम पुत्र तान मोहम्मद पास ही गड्ढे में भरे पानी में गिर गया था। जिसमें डूबकर उसकी मौत हो गई थी। शौकत अली का आरोप है कि नगर पंचायत का कार्यालय बनने पर पानी की निकासी रोक दी गई। इससे जगह-जगह गड्ढों में पानी भर रहा है।

बरौली कस्बे में बारिश का पानी एक नाले के जरिये सुमेरा झाल गंगनहर में जाता था। करीब डेढ़ वर्ष पहले नगर पंचायत कार्यालय का निर्माण होने पर इस नाले को पूरी तरह बंद कर दिया गया। इससे जलनिकासी पूरी तरह बंद हो गई। थोड़ी सी बारिश पर गांव का पानी जगह-जगह गड्ढों में एकत्र होने लगा। इससे कस्बे में जलभराव रहता है।

कस्बे के भोलाशंकर का कहना है कि तीन दिन से बारिश होने के कारण मकानों के आस-पास दो से तीन फुट तक पानी भरा हुआ है।गौरीशंकर के अनुसार कस्बे के चारों ओर जलभराव है। इससे मच्छरों की भरमार है। मलेरिया फैलने का खतरा बना है। कस्बा निवासी नीलम कुमार ने जलनिकासी का इंतजाम कराए जाने की मांग की है, ताकि जलभराव की समस्या से राहत मिले।

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