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नयी दिल्ली। एक बड़ी खबर के मुताबिक बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव का सामान वाराणसी के एक नामी होटल से बाहर फेंक दिया गया. जी हाँ, मिली जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार दोपहर 1 बजे बिना बताए उनका सामान होटल के रिसेप्शन पर रख दिया गया.
वहीं तेज प्रताप खुद अपने दोस्तों के साथ अस्सी घाट घूमने गए थे. लेकिन जब वह होटल लौटे तो देखा कि उनका सामान बाहर पड़ा हुआ है। इसके बाद तेज प्रताप के निजी सहायक मिशाल सिन्हा ने इस संबंध में सिगरा थाने में लिखित शिकायत की है.
बताया गया कि तेज प्रताप यादव अपने निजी दौरे पर वाराणसी आए थे। वहीं होटल संचालक की इस हरकत की जानकारी पुलिस को दे दी गई है. यह घटना वाराणसी के सिगरा इलाके के आर्केडिया होटल की बताई जा रही है.
होटल प्रबंधन का कहना है- तेज प्रताप असमंजस में थे
उधर, होटल प्रबंधन का कहना है कि 205 और 206 नंबर असल में मंत्री के नाम से बुक थे। उधर, मंत्री को बीते शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक कमरा खाली करना था, लेकिन उन्होंने कमरा खाली नहीं किया. जबकि उस कमरे की बुकिंग चेन्नई के एक मेहमान ने ऑनलाइन की थी। वे होटल भी पहुंच गए थे।
मामले पर अब होटल प्रबंधन का कहना है कि मंत्री के स्टाफ के सामने हम उनका सामान दूसरे कमरे में शिफ्ट करवा रहे थे. इस पर उन्हें काफी गुस्सा आया। दोनों कमरों को छोड़कर वह जाकर अपनी कार में बैठ गया। आज सुबह तक मंत्री जी का कमरा उनके नाम पर बुक था, लेकिन वे रात में ही वापस चले गए. होटल प्रबंधन का कहना है कि मंत्री जी थोड़े कन्फ्यूज हो गए।
ये है शिकायत…
तेजप्रताप यादव खेमे से दी गई शिकायत में बताया गया है कि मंत्री तेज प्रताप कमरा नंबर 206 में ठहरे हुए थे. वहीं, उनके निजी सहायक और सुरक्षाकर्मी भी बगल के कमरा 205 में थे. इसके बाद वे चले गए. सुबह 11 बजे अस्सी घाट पर मंदिर दर्शन और गंगा आरती के लिए। फिर जब वह रात 12 बजे लौटे तो उनका सामान रिसेप्शन पर ही रखा हुआ था।
शिकायत में लिखा था कि मंत्री का कमरा 206 बिना अनुमति के खोला गया था. जो उनकी सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक है। इस दौरान उनका एक कर्मचारी दिलावर भी मौके पर मौजूद रहा। उन्हें कमरा नंबर 205 से बाहर निकाला गया और वहां रिसेप्शन पर बिठाया गया. यह सारा काम नियमों के खिलाफ है। इसलिए तत्काल कार्रवाई की जाए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।