सुल्तानपुर में गुरुवार से शनिवार तक हुई बारिश के दरमियान कई ब्लॉकों में मनरेगा योजना के तहत प्रधानों-सचिवों की मिलीभगत से जमीन पर नहीं, लेकिन कागज पर कार्य करा डाला गया। सरकारी वेबसाइट पर जब डाटा आया तो मामला खबर की सुर्खियां बन गई।
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दैनिक भास्कर ने इस खबर को सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया। अन्य मीडिया में भी खबरें आई तो सोता प्रशासन जाग उठा। डीसी मनरेगा ने मामले में लेटर जारी कर सभी बीडीओ से स्पष्टीकरण मांग लिया। जिस पर बीडीओ की ओर से सचिवों से रिपोर्ट तलब का आदेश जारी होते ही हड़कंप मच गया।
पहले जानिए किस किस तिथि में क्या क्या हुआ… मनरेगा के तहत 26 सितंबर को जिले में 17127 मजदूरों की हाजिरी लगाई गई। दूसरे दिन 27 सितंबर को 7251 और 28 सितंबर को 1665 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी लगाई गयी। तीन दिनों में कुल 26043 मजदूरों ने मनरेगा में कार्य किया। मजदूरी की बात की जाए तो मजदूरों को 237 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है। सबकी मजदूरी की बात की जाए तो 26043 को 237 की दर से तीन दिनों में 61 लाख 72 हजार 191 रुपए बाट डाला गया।
सरकारी डेटा की बात करें तो केवल 28 सितंबर को दोस्तपुर ब्लॉक में 132 मजदूर, धनपतगंज में 254 मजदूर, कुड़वार में 272 मजदूर, कूरेभार में 242 मजदूर, लम्भुआ में 150 मजदूर, भदैया ब्लॉक में 95 मजदूर, बल्दीराय में 37 मजदूर, अखण्डनगर में 19 मजदूर जयसिंहपुर 30 मजदूर, कादीपुर में 10 मजदूर, मोतिगरपुर में 72 मनरेगा मजदूरों ने कार्य किया। प्रधानों द्वारा पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल कर श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की गई।
बीडीओ ने सचिव व प्रधान से मांगा जवाब खबर को संज्ञान लेकर लोकपाल मनरेगा महेंद्र विक्रम सिंह ने खंड विकास अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। जिसका पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। सूत्रों की माने तो खंड विकास अधिकारी लंभुआ ज्ञानेंद्र मिश्र ने मनरेगा में मजदूरी में लगाए गए, बीते शुक्रवार को पांच गांव के ग्राम सचिव और शनिवार को लगी हाजिरी में नौ गांव के ग्राम सचिव को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल किया है।
बीते 27 सितंबर और 28 सितंबर को लम्भुआ खंड विकास से, चार सौ चौसठ मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी दिखाई गई थी। जारी नोटिस मोबाइल पर पाते ही प्रधान और सचिव इस मामले को लेकर परेशान दिखे।
कार्य को अब करना पड़ेगा जीरो एक ग्राम प्रधान ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि इस तारीख में हुए इस कार्य को अब जीरो करना पड़ेगा। खंड विकास अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्र ने बताया कि जिन गांवों में इस तरह की हाजिरी लगी है वहां के मेट को नोटिस जारी की गई है। ग्राम प्रधान और सचिव को इस आशय से नोटिस जारी की गई है कि इस पर क्या कार्रवाई की गई। क्योंकि हाजिरी डालने का कार्य मेट ही करता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह हमारे पोर्टल पर दिखाई नहीं देता है।
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