दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी की रिसर्च एलिजिबिलिटी टेस्ट (रेट-2023) को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। ललित एवं मंच कला डिपार्टमेंट में लिखित परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट में घोटाले के आरोप लगे हैं।
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NET- JRF पास कई कैंडिडेट्स का कहना है कि उन्हें लिखित परीक्षा में अच्छे नंबर मिलने के बावजूद, इंटरव्यू में कम नंबर देकर मेरिट लिस्ट से बाहर कर दिया गया। वहीं, जिन कैंडिडेट्स के लिखित में कम नंबर थे, उन्हें इंटरव्यू में हाई मार्क्स देकर टॉप पर लाया गया है।
NET- JRF पास कैंडिडेट्स का आरोप कैंडिडेट्स दयाशंकर, राज चौबे और दीपिका गुप्ता सहित कई छात्रों ने वाइस-चांसलर प्रो. पूनम टंडन को आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि दयाशंकर को लिखित परीक्षा में 110 और इंटरव्यू में सिर्फ 11 नंबर, राज चौबे को 116 और इंटरव्यू में 2 नंबर, और दीपिका को लिखित में 118 और इंटरव्यू में मात्र 5 नंबर मिले हैं।
जबकि कुछ कैंडिडेट्स, जिन्हें लिखित में कम नंबर मिले थे, उन्हें इंटरव्यू में 40 तक अंक दे दिए गए हैं। कैंडिडेट्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी के गाइडलाइंस के मुताबिक नेट और जेआरएफ क्वालीफाई कैंडिडेट्स को एडमिशन में प्रायोरिटी मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन पर रोक इस मामले के तूल पकड़ने पर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने भी एक्शन लिया है। रजिस्ट्रार प्रो. शांतनु रस्तोगी ने बताया कि पीएचडी के दृष्यकला डिपार्टमेंट में डॉक्युमेंट्स वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि कैंडिडेट्स की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इसे सस्पेंड किया गया है और डिपार्टमेंट से रिपोर्ट मांगी गई है। प्रो. रस्तोगी ने यह भी स्पष्ट किया कि पीएचडी में एडमिशन पूरी तरह से गाइडलाइंस के अनुसार ही होगा, और किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।