आरबीआई
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नगर सहकारी बैंक ने अपने खाताधारकों को करीब चार करोड़ रुपये लोन दिए हैं। यह रकम 23 वर्ष में दी गई है और इसकी रिकवरी नहीं हो सकी है। अब एनपीए खाते के इस लोन को जमा कराने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से सख्ती की गई है।
बकाए रकम को जमा करने के लिए आरबीआई ने समय सीमा भी तय कर दी है। अगर तय अवधि में रकम जमा नहीं हुई तो आरबीआई, बैंक के संचालन पर रोक भी लगा सकता है। आरबीआई ने बंदी के संकेत भी दे दिए हैं। दो महीने पहले आरबीआई ने बैंक प्रबंधन और खातों की जांच भी कराई है, जिसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। पता चला कि बैंक के सचिव ने भी 33 लाख रुपये लोन के तौर पर लिए हैं, जिसे जमा कराने के लिए आरबीआई ने उन्हें पत्र लिखा हैं।