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लखनऊ में LDA का अल्टीमेटम बेअसर: हजरतगंज के बालू अड्डे की जमीन अब तक खाली नहीं, एक महीने बाद फिर होगा सर्वे

 

लखनऊ में LDA की जमीन पर हजरतगंज बालू अड्डा के पास अतिक्रमण कर लिया गया था। मामले में LDA अभी तक जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने में असफल रहा है। इस दौरान LDA ने 13 जनवरी को कार्रवाई करते हुए 30 झुग्गियों को तोड़ दिया था।

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मौके पर अधिकारियों ने 3 दिन का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन LDA करोड़ों रुपए की जमीन को खाली नहीं करा पाई है। इस दौरान मंडलायुक्त समेत आलाधिकारियों ने भी बालू अड्डे के पास स्थित जमीन का निरीक्षण किया है।

LDA ने जमीन पर बोर्ड लगा दिया है।

LDA दोबारा करेगी सर्वे

LDA के पहले सर्वे में कई कमियां मिली हैं। ऐसे में यह पता नहीं चल पाया है कि कितने लोगों के पास झुग्गी झोपड़ी का आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज हैं। इसके चलते कार्रवाई के बाद इनके विस्थापन में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। LDA के सचिव विवेक श्रीवास्तव का कहना है कि अगले सप्ताह से LDA दोबारा से बालू अड्डे के पास स्थित जमीन का सर्वे शुरू करेगी। इसमें पता लगाया जाएगा कि यहां पर रहने वाले लोग कहा के हैं। कहां रहते हैं। सभी का आईडी कार्ड लिया जाएगा। तभी सही ढंग से विस्थापन की प्रक्रिया के साथ में अन्य कार्रवाई की जाएगी।

तस्वीर झुग्गियों पर कार्रवाई करने पहुंची LDA टीम की है।

20 से अधिक कॉमर्शियल दुकान हटी

LDA के अल्टीमेटम के बाद 20 से अधिक कॉमर्शियल दुकान हटाई गई हैं। इसके बाद LDA ने जमीन पर तारबंदी का काम कर दिया है। वहीं, LDA ने करीब 30 झुग्गी झोपड़ियों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बीते 13 फरवरी को की थी। इसके बाद से यहां पर कॉमर्शियल काम बंद हो गया है। LDA अधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल काम बंद कर दिया गया है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों का सही दस्तावेज पता किया जाएगा। इसके बाद ही कार्रवाई होगी।

2022 के सर्वे में 194 परिवार, अब 250 से अधिक

LDA की तरफ से 2022 में किए गए सर्वे में सामने आया था कि 194 परिवार नजूल की जमीन पर रहते थे, जबकि अभी करीब 250 की संख्या में लोग रहते हैं। हालांकि, कार्रवाई के बाद कई लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। बावजूद इसके अभी भी परिवार में रहने वाले लोगों की संख्या सैकड़ों की है। इस दौरान सर्वे के बाद LDA सही निवासी मिलने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने की तैयारी में है।

यह तस्वीर कॉमर्शियल दुकानदारों के सामान हटाने की है।

1987 में एलडीए ने लीज पर दी थी जमीन

बालू अड्डे पर साल 1987 में एलडीए की ओर से नूर सहकारी विकास समिति को 2.69 हजार वर्गफीट जमीन लीज पर दी गई थी। आरोप है कि जमीन लीज पर लेने के बाद यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। बजाए खाली जमीन पर अवैध रूप से झुग्गियां बन गई। यहां पर गैराज का काम भी किया जाता है। मामले में एलडीए और नूर सहकारी विकास समिति ने कोर्ट में वाद दाखिल कर दिया था। प्रशासन के निर्देश पर एलडीए ने इस पूरे भूखंड को खाली करवाना शुरू कर दिया था। इस दौरान एलडीए के अफसरों ने वहां रहने वाले परिवार का वेरिफिकेशन शुरू किया था। लेकिन इसमें सही तथ्य सामने नहीं आए।

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