वायरल संक्रमण फेफड़ों में उतर रहा है। रोगियों को पहले नाक और गले की एलर्जी होती है। इसके बाद सीने में जकड़न के बाद निमोनिया हो जा रहा है। गुर्दा, लिवर, कैंसर, अस्थमा और सीओपीडी के रोगियों को वायरल संक्रमण अधिक घातक साबित हो रहा है। बुधवार को निमोनिया से दो रोगियों की मौत हो गई। इसके साथ ही पांच रोगियों के गुर्दे खराब हो गए। हैलट की इमरजेंसी में अस्थमा और सीओपीडी के रोगियों को भर्ती किया गया। वायरल संक्रमण के बाद सांस तंत्र के रोगियों की स्थिति बिगड़ रही है।
हैलट ओपीडी में सबसे अधिक संख्या वायरल संक्रमण के रोगियों की रही। इसके साथ ही डायरिया और गैस्ट्रोइंटाइटिस के रोगियों ने जांच कराई। गंभीर रोगियों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। वायरल संक्रमण के बाद फजलगंज के रोगी विनोद कुमार (54) निमोनिया की चपेट में आ गए। बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि चेस्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में रोगी को दिखाया था। इसी तरह लालबंगला के जगन्नाथ (61) की निमोनिया से मौत हुई। उनके बेटे राजेश ने बताया कि उन्हें पहले से अस्थमा रहा है। हैलट पहुंचने के पहले ही मौत हो गई। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि हाफ ओपीडी रही है। इससे रोगी कम आए। इमरजेंसी में 50 रोगियों को भर्ती किया गया।