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हॉकी यूपी रुद्राक्ष के मालिक माधव सिंघानिया का बयान: क्रिकेट की तरह हॉकी को भी प्रोफेशनल संरचना और बेहतर सुविधाओं की जरूरत

 

‘हॉकी खेल देश का राष्ट्रीय खेल है और पहचान पूरे भारत वर्ष है। बस अगर इस खेल को भी क्रिकेट की तरह प्रोफेशनल स्ट्रक्चर और बेहतर फैसेलिटीज मिल जाए तो और बेहतर होगा। अभी हॉकी खेल में इन सब चीजों की जरूरत है।’

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ये बात हॉकी प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी यूपी रुद्राक्ष टीम के मालिक व कानपुर के उद्योगपति माधव सिंघानिया ने दैनिक भास्कर से फोन पर हुई बाचचीत में कही। उन्होंने ये भी कहा-हॉकी लीग से खेल को और बढ़ावा मिलेगा।

माधव सिंघानिया से बातचीत के कुछ अंश….

सवाल: हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, फिर भी उसे वह पहचान नहीं मिल पा रही जो मिलनी चाहिए, इस पर आपकी क्या राय है? जवाब: हम सब ओलपिंक के दौरान देखते है कि हॉकी की पहचान भारत में हैं। वॉलीबुड में भी हॉकी में फिल्में बन रही हैं, जैसे चक दे इंडिया और सूरमा। हॉकी के खिलाड़ी सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रहते हैं। कोशिश ये होनी चाहिए कि ये पहचान साल भर बनी रहे, न कि साल में या चाल साल में एक बार। सवाल: हॉकी इंडिया लीग से क्या देश में हॉकी के प्रति लोगों की रुचि बढ़ेगी? जवाब: बिल्कुल इससे हॉकी की पहचान बढ़ेगी। इसलिए हॉकी इंडिया लीग जैसा प्रोजेक्ट बना है जो कि खेल और खिलाड़ियों को एक बड़ा मंच दे सकें।

हॉकी मैदानों की कमी है प्रदेश में।

सवाल: क्रिकेट को काफी प्रायोजक मिल जाते हैं, लेकिन हॉकी को नहीं मिलते, ऐसा क्यों? जवाब: क्रिकेट खेल ने और उससे जुड़े लोगों ने काफी मेहनत की है क्रिकेट को यहां तक पहुंचाने में। क्रिकेट और खेल को प्रेरित कर सकते हैं। हॉकी को भी प्रोफेशनल स्ट्रैक्चर और बेहतर फैसेलिटीज की जरूरत है। इसकी शुरुआत हो चुकी है और इसलिए जेके सिमेंट इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।

सवाल: अभी हॉकी के खिलाड़ियों के लिए नौकरी की संख्या बहुत कम है। इसको लेकर आपकी तरफ से कोई प्रयास किए जा रहे हैं क्या? जवाब: हॉकी और दूसरे खेलो का भविष्य प्रोफेशनल लीग ही है। ज्यादातर खिलाड़ियों को ये लीग ही प्रोत्साहित कर सकती हैं। सवाल: स्कूली स्तर में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

जवाब: ग्रॉसरूट्स और यूथ डवलपमेंट जेके सिमेंट की फेलेशिपी का हिस्सा है और ये फेलोशिपी हम अपने स्पोर्टस और हॉकी प्रोजेक्ट में भी दर्शाएंगे। यूपी हमारे लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। सवाल: प्रदेश में क्रिकेट ग्राउंड बहुत हैं, लेकिन हॉकी के ग्राउंड गिने-चुने हैं। इस पर आपकी क्या राय है? जवाब: मैं इससे सेहमत हूं और सरकार राष्ट्र और राज्य स्तर पर इस को देख भी रही हैं। हम जैसे प्राइवेट स्टेट होल्डर स्पोर्टस डवलपमेंट में इंवेस्ट कर सकते है पर कुछ एक्सपेंस है हमारी इंफ्राटेक्चर को लेकर। सवाल: कानपुर भी हॉकी के खिलाड़ियों का एक समय बड़ा हब हुआ करता था, लेकिन ग्राउंड की कमी के कारण प्रतिभाएं लुप्त होती जा रही हैं?

जवाब: जेके सिमेंट ने एक डेटिकेटेट स्पोर्टस डिवीसन का गठन किया है जो स्पोर्टस प्रोजेक्ट को प्रोफेशनल देखेगा। क्रिकेट, हॉकी और दूसरे स्पोर्टस को बढ़ावा देने के लिए लॉग टीम प्लान बनाए जा रहे हैं। यूपी और फिर कानपुर तो हमारे लिए हमेशा से ही प्राथमिकता में रहा हैं।

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