लंबित मांगों का निराकरण न होने पर अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ ने आक्रोश जताया है। कर्मचारी महासंघ का कहना है कि समस्याओं पर सरकार का ध्यान न देने से कर्मचारियों में निराशा और असंतोष का माहौल है। महासंघ के राष्ट्रीय डिप्टी जनरल सेक्रेटरी सुरेश स
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कर्मचारियों की ये हैं 14 सूत्री मांगें
- आठवां वेतन आयोग का गठन किया जाए।
- दैनिक वर्क चार्ज कर्मचारियों की पूर्व सेवा जोड़कर पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
- समस्त विभागों में रिक्त पदों की समाप्ति और कर्मचारियों के लिए उचित समायोजन किया जाए।
- प्रदेश के समस्त विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 1900 ग्रेड पे लागू किया जाए।
- समस्त विभागों के कर्मचारियों की पदोन्नति, डीपीसी और समान वेतनमान दिया जाए।
- नई पेंशन योजना (NPS) को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बहाल की जाए।
- प्रदेश के कर्मचारियों के रोके गए भत्ते बहाल किए जाएं।
- पुलिस विभाग में प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति की जाए।
- प्रदेश के समस्त पीआरडी जवानों को 30,000 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाए।
- अवकाश के दिन काम करने का पैसा न मिलने की समस्या का समाधान किया जाए।
- प्राविधिक शिक्षा विभाग में लैब अनुचरों और कर्मशाला अनुचरों का वेतन आईटीआई के समान 1900 रुपए ग्रेड पे किया जाए।
- आशा कार्यकर्ताओं को 30,000 रुपए प्रतिमाह वेतन निर्धारित किया जाए।
- प्रदेश के समस्त कर्मचारियों की पूर्व सेवा जोड़कर पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए।
- 2001 के बाद समस्त विभागों में दैनिक वेतन कर्मचारियों को अस्थाई घोषित किया जाए। वाणिज्यकर कमिश्नर से मुलाकात की
उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी वाणिज्य कर संघ के प्रतिनिधि मंडल ने नितिन बंसल कमिश्नर वाणिज्य कर से भेंट कर 14 सूत्री मांग पत्र सौंपा। इस मौके पर कमिश्नर ने मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर नरेंद्र सिंह रावत प्रदेश अध्यक्ष, सुरेश सिंह यादव प्रदेश महामंत्री, राजवीर सिंह प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अरुण सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष, वीरेंद्र शुक्ला पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष, अवध रामपाल राजकुमार सिंह जोनल अध्यक्ष, अर्जुन सिंह भदोरिया प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष, भटकी आदि शामिल रहे।