हाईकोर्ट में गलत जानकारी देने पर घिरी आगरा पुलिस की फजीहत के बाद पुलिस कमिश्नर को भी कोर्ट की नाराजगी झेलनी पड़ी। हाईकोर्ट ने आगरा के पुलिस आयुक्त को 10 जनवरी को तलब किया था। कोर्ट की नाराजगी से बचने को दो दिन पहले एसओ समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबि
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हाईकोर्ट ने 10 जनवरीको किया था तलब।
मामला थाना सदर का है। अंकुर शर्मा नाम के व्यक्ति ने आगरा न्यायालय में मनोज नाम के व्यक्ति के खिलाफ NIA ( चेक संबंधी) केस दाखिल किया था। यहां से कई बार पुलिस को प्रतिवादी के वारंट जारी हुए, लेकिन पुलिस की ओर से वारंट तामील नहीं कराए गए। इसको लेकर वादी अंकुर शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने आगरा पुलिस से जवाब मांगा। बताया गया है कि थाना पुलिस की ओर से अधिकारियों को लिखकर दे दिया कि उन्हें वारंट प्राप्त नहीं हुए हैं। अधिकारियों की ओर से भी हाईकोर्ट में लिखित में ये जानकारी दी गई।
इसके बाद हाईकोर्ट ने आगरा कोर्ट से आख्या मांगी। आगरा न्यायालय ने वारंट और गैर जमानती वारंट की प्रति हाईकोर्ट में भेज दी। आगरा पुलिस की ओर गलत जानकारी देने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट की ओर से इस मामले में पुलिस आयुक्त को 10 जनवरी को तलब किया गया था । इसके बाद आनन-फानन में पुलिस कमिश्नर के द्वारा लापरवाही बरतने के मामले में एसओ समेत 2 पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार, पूर्व चौकी प्रभारी सीओडी सोनू कुमार, कोर्ट मोहिर्रर व एक अन्य कांस्टेबल को निलंबित किया गया था।
एडिशनल कमिश्नर को भेजा 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के बाद ही पुलिस कमिश्नर ने अपनी जगह एडिशनल पुलिस कमिश्नर को हाईकोर्ट में भेजा। बताया गया है कि एडिशनल कमिश्नर के पेश होने पर कोर्ट ने उनसे पुलिस कमिश्नर के बारे में पूछा। कोर्ट ने कहा कि बुलाया तो पुलिस कमिश्नर को था। उन्हें आना चाहिए था। कोर्ट का सख्त रुख से पुलिस कमिश्नर को अवगत कराया। इसके बाद पुलिस आयुक्त सुबह ही सीधे आगरा से प्रयागराज के लिए रवाना हुए। बताया गया है कि वो हाईकोर्ट में दोपहर करीब साढे़ 3 बजे पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी।