शिवमहापुराण कथा सुनने का मौका सौभाग्य वालों को मिलता है। कथा सुनने वालों से भगवान कहते हैं कि तुम जिसकी कथा सुनने बैठे हो, वही तुम्हारे घर की रखवाली करेगा..यह बात गंगापार डोमरी में आयोजित शिवमहापुराण कथा के सातवें और अंतिम दिन सिहोर के कथावाचक पं. प्
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उन्होंने शिवमहिमा का बखान किया, वहीं विदेश से आए यजमानों का परिचय भी मंच से कराया। कथा के समापन दिवस पर पं. प्रदीप मिश्र के साथ ‘खुशी-खुशी कर दो विदा… की धुन पर पंडाल में बैठे भक्त भावविभोर हो गए।
दान से बनेगी 351 कमरों की धर्मशाला शिवमहापुराण कथा के अंतिम दिन मंच से घोषणा की गई कि यहां भक्तों के दिये दान से 351 कमरों की धर्मशाला और 5-6 बड़े कथा हॉल बनाए जाएंगे। धर्मशाला के कमरों में धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। इसी राशि से गौशाला और अस्पताल को उच्चीकृत कर गरीबों की सहायता की जाएगी।
आइए अब कथा की तस्वीर को देखते हैं..
पं प्रदीप मिश्रा और सातुआ बाबा ने गंगा में बालगोविंद के साथ किया भ्रमण।
कथा में अंतिम दिन पहुंचे 4 लाख श्रद्धालु।
व्यासगादी से डमरू बजाकर पं प्रदीप मिश्रा ने गाया भजन।
अंतिम दिन 3 भक्तों की पढ़ी चिट्ठी।
साधु-संतों ने सुना शिव कथा।
पंडाल में भक्तों की भीड़।
शिवकथा को सुनने के लिए बच्चे भी परिवार संग पहुंचे।
पं प्रदीप मिश्रा ने डीसीपी काशी को किया सम्मानित।
ड्रोन से देखिए कथा स्थल पर श्रोताओं की भीड़।
कथा के अंतिम दिन भगवान गणेश ने दर्शन दिया।
यह दृश्य शाम का जब लोग वापस जाने लगें।
पंडित प्रदीप मिश्रा कथा स्थल पर गौशाला की छत से श्रोताओं को विदाई के दौरान आशीर्वाद देते हुए।
पंडाल में सबसे अधिक महिलाएं शामिल हुई।