मेडिकल कॉलेज ट्रामा सेंटर।
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डॉक्टर के साथ दलाल की गलत हरकत और दबंगई अपना असर दिखा रही है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में दलालों की मनमानी हावी है। मरीज-एंबुलेंस माफिया के नेटवर्क को तोड़ने के लिए अब जिला प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अब एडीएम सिटी के अलावा सभी एसडीएम रोजाना पांच सरकारी अस्पतालों में जाएंगे और दवा व इलाज की जानकारी लेंगे।
इसके लिए नोडल अधिकारी तय किए गए हैं, जो ओपीडी के साथ ही भर्ती मरीजों व तीमारदारों से फीडबैक भी लेंगे। डीएम (जिलाधीश) ने दलालों और सिस्टम में रहकर उनकी पैरोकारी करने वालों की कमर तोड़ने का मन बना लिया है। उनके निर्देश पर एक महीने तक इसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज में बार-बार मरीजों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है। वहीं, जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के ओटी में डॉक्टर की कुर्सी पर दलाल के बैठने और बाद में डॉक्टर को धमकाने का मामला आने के बाद जिला प्रशासन ने अब सभी अस्पतालों में जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल व महिला अस्पताल पर विशेष निगरानी की जाएगी।
इसके लिए एडीएम सिटी के साथ अन्य अधिकारियों को लगाया गया है। वहीं, जिले के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच के लिए एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वे अपने क्षेत्र में रोजाना पांच अस्पतालों की जांच करेंगे। वहां मरीजों के इलाज व दवा की उपलब्धता के बारे में जानकारी लेकर डीएम को रिपोर्ट सौंपेंगे।