प्रकाश मिश्र।
बीजेपी के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे को पीजीआई में इलाज न मिलने से हुई मौत मामले में डिप्टी सीएम बेहद खफा है। सोमवार को डिप्टी सीएम के निर्देश पर इमरजेंसी में पूर्व सांसद को भर्ती न करने वाले डॉक्टर को हटा दिया गया। डिप्टी सीएम ने मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराकर रिपोर्ट तलब किया है। पीजीआई निदेशक को दोबारा इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न होने की कड़ी चेतावनी दी है। वहीं जांच कमेटी ने मामले की जांच रिपोर्ट संस्थान निदेशक को सौंप दी। हालांकि निदेशक ने जांच रिपोर्ट गोपनीय बताते हुए बोलने से मना किया है
बांदा से भाजपा के पूर्व सांसद रहे भैरों प्रसाद मिश्र शनिवार रात बेटे प्रकाश मिश्र की हालत बिगड़ने पर पीजीआई इमरजेंसी लेकर आए थे। इमरजेंसी के डॉक्टर ने बेड खाली न होने की बात कहकर भर्ती नहीं किया। मुकम्मल इलाज न मिलने से पूर्व सांसद के बेटे ने स्ट्रेचर पर दम तोड़ दिया था। इससे नाराज पूर्व सांसद इमरजेंसी में धरने पर बैठ गए। देर रात ही निदेशक समेत अन्य अधिकारी मौके पर आए थे। निदेशक ने घटना के लिए जिम्मेदार डॉक्टर पर कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया था। सोमवार सुबह डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना को गंभीरता से लेते हुए संबंधित डॉक्टर को तत्काल हटाने के निर्देश दिये। जिसके बाद पीजीआई प्रशासन ने डॉक्टर को हटा दिया। वहीं जांच कमेटी ने इमरजेंसी के डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय, पीआरओ सेल के कर्मचारियों समेत अन्य के बयान दर्ज किए। इमरजेंसी में लगे सीसीटीवी कैमरे भी जांच किया। कमेटी ने देर शाम को जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंप दी।
तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शाम को सौंपी है। रिपोर्ट गोपनीय है। पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। इमरजेंसी से हटाए गए डॉक्टर समेत अन्य पर कार्रवाई शासन तय करेगा। – डॉ. आरके धीमन, निदेशक, पीजीआई