Breaking News

अगर आप घंटों ईयरफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो सतर्क रहें: बहरेपन के साथ-साथ दिल और दिमाग भी कमजोर हो रहे हैं; KGMU के रिसर्च में बड़ा खुलासा।

 

यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU में ईयर फोन के प्रयोग को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। महज 4 घंटे तक इसके प्रयोग से परमानेंट हियरिंग लॉस यानी पूरी तरह से बहरापन हो सकता है।

.

कैंपस@लखनऊ सीरीज के 15वें एपिसोड में KGMU के फिजियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. मनीष वाजपेयी से खास बातचीत…

प्रो. मनीष वाजपेई कहते हैं कि WHO ने पहले ही ईयर फोन के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट जारी किया था। अब प्रदेश सरकार भी इसको लेकर एडवाइजरी जारी कर चुकी है। पिछले साल से ही ENT विभाग के साथ मिलकर फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट इस पर शोध कर रहा है।

इसमें उन लोगों को शामिल किया गया है जो 4 घंटे से ज्यादा सप्ताह में कम से कम 5 दिन तक ईयर फोन का प्रयोग करते हैं। शुरुआती जांच में जो सामने आया है, उससे कहा जा सकता है, कि लॉन्ग टर्म में ईयर फोन का इस्तेमाल बेहद घातक है।

रिसर्च के दौरान सब्जेक्टिव और ऑब्जेक्टिव टाइप सवालों को स्क्रीनिंग में शामिल किया गया। शोध के परिणाम में इररिवरसिबल डैमेज होने के संकेत मिल रहे हैं।

डॉ. मनीष कहते हैं, कि अब इसे फैशन कहें या मजबूरी, बिना ईयर फोन के काम होता नहीं दिख रहा है। पर ये सब कान के लिए बेहद घातक हैं। मौजूदा समय CHC और PHC लेवल पर इसकी जांच भी नहीं हो रही है। WHO ने पहले से ही डिसाइड किया है कि 80 डेसीबेल से ज्यादा का साउंड घातक है।

किसी का हियरिंग लॉस ज्यादा है तो उसमें चिड़चिड़ापन बढ़ता है, ये डिप्रेशन का कारण भी हो सकता है और साथ ही ओवर ऑल परफॉरमेंस पर भी असर पड़ता है।

फिजियोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉ. सुनील कहते हैं कि स्कूल और कॉलेज में जाने वाले बहुत सारे बच्चे ईयर फोन का यूज करते हैं। स्कूल में पढ़ाई के दौरान, वीडियो गेम्स खेलने के दौरान ईयर फोन का अक्सर प्रयोग किया जाता है।

शोध में 18 साल से 40 साल के बीच के लोगों को शामिल किया गया है। ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्हें पहले से कान में कोई कमी नहीं थी। ऑडियोमेट्री और बैरा मीटर के जरिए जांच की गई है। शुरुआती परिणाम में कान के श्रवण शक्ति प्रभावित होने की पुष्टि हुई है।

शोध में शामिल डॉ. आशुतोष सिंह ने बताया कि कोविड के दौरान ऑनलाइन स्टडी का प्रचलन तेजी से बढ़ा। इस दौरान ईयर फोन के प्रयोग में भी इजाफा हुआ। लंबे समय तक ईयर फोन को प्रयोग में लाने वाले के कान ज्यादा प्रभावित हैं।

18 से 40 साल के लोगों को शोध में शामिल किया गया है। इसके अलावा भी कई प्रोफेशनल जैसे ट्रेन पायलट, स्टोन कटर, ट्रैफिक पुलिस की जॉब प्रोफाइल से लोगों में भी इसका प्रभाव ज्यादा पड़ने की आशंका रहती है।

Check Also

महाकुंभ से पहले सेंट्रल स्टेशन गेट से अतिक्रमण हटाने का निर्णय: स्टेशन अधीक्षक ने डीएम और नगर आयुक्त को भेजा पत्र – Kanpur News

  कानपुर सेंट्रल स्टेशन से महाकुंभ 2025 के अमृत स्नान के दौरान प्रयागराज जाने वाले …

Leave a Reply

Your email address will not be published.