रमजान के मुकद्दस महीने की शुरुआत हो गई है। अकीदतमंदों ने रोजे रखने की तैयारी शुरू कर दी है। 11 मार्च को देर शाम तक बाजार में रमजान की खरीदारी के लिए भीड़ रही। लोगों ने खान-पान के सामान और फलों की खरीदारी की। मस्जिदों में तरावी पढ़ने का दौर रहा।
रमजान के मुकद्दस महीने का अकीदतमंदों को साल भर बेसब्री से इंतजार रहता है। चांद के दीदार के बाद जैसे ही तय हुआ कि 12 मार्च से रमजान शुरू हो गए, वैसे ही अकीदतमंदों में खुशी की लहर दौड़ गई। अगले एक महीने तक मुस्लिम समाज के लोग रोजे रखकर खुदा की इबादत करेंगे। बाजार में खान-पान के सामान की खरीदारी के लिए सोमवार की सुबह से ही खरीदार दिखाई देने लगे। लोगों ने सूत-फैनी, चिप्स, पापड़, खजूर, नमकीन, बिस्किट और खाने-पीने के अन्य सामान की खरीदारी की। रोजा इफ्तार और सहरी के लिए शिया व सुन्नी समुदाय ने कैलेंडर भी जारी कर दिया है।
मुस्लिम इंतजामियां कमेटी ने मांगी लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति
मुस्लिम इंतजामियां कमेटी के सदर राहत अहमद कुरैशी और जनरल सेक्रेटरी कुर्बान अली शहजादा ने डीएम को पत्र लिखकर रमजान के पाक महीने में धीमी आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जाने की अनुमति मांगी है। नगर पालिका से मुस्लिम बस्तियों, शहर की मस्जिदों के आसपास सफाई कराने, पेयजल एवं बिजली की व्यवस्था कराने और खंभों पर लाइट लगवाए जाने की मांग की है।
माह-ए-रमजान का चांद नजर आया। चांद देखने के बाद मजिस्दों में तरावियां शुरू हो गई हैं। रमजान का महीने बड़ा ही बरकत वाला है। रोजा हर मर्द आऔर औरत पर फर्ज है। रमजान के महीने में गरीबों की मदद करनी चाहिए। रोजे रखने चाहिए। कुरान की तिलावत करनी चाहिए। -रहीश अहमद अब्बासी, प्रदेश उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया अब्बासी महासभा।