लखनऊ: मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए योगी सरकार ने राज्य के छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालना शुरू कर दिया है. सीएम योगी के निर्देश पर युद्धस्तर पर चलाए गए अभियान के तहत नौ मई तक कुल 62 विद्यार्थियों को सुरक्षित निकाल कर उनके घर भेजा जा रहा है. बाकी बचे छात्रों को अगले दो दिनों में सकुशल घर वापस लाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है.
मणिपुर में, सरकार ने राज्य के छात्रों और उनके परिवारों की मदद के लिए 24×7 नियंत्रण कक्ष 1070 स्थापित किया है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार के आग्रह पर मणिपुर सरकार भी यूपी के छात्रों को एयरपोर्ट तक सुरक्षित पहुंचाने में मदद कर रही है. एयरपोर्ट पहुंचने के बाद राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुंचाने का काम सुनिश्चित कर रही है.
अलग-अलग रास्तों से दिल्ली पहुंचे
राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के राहत आयुक्त आईएएस प्रभु ने बताया कि सभी छात्रों को तीन अलग-अलग रास्तों से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट लाया जा रहा है. वहां से वॉल्वो बसों के जरिए उन्हें उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। कुछ छात्र मणिपुर से सीधे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे हैं जबकि कुछ को गुवाहाटी और कोलकाता के रास्ते दिल्ली लाया गया है. इन सभी को यूपी भवन में ठहराया गया और इनके लिए जलपान की भी व्यवस्था की गई। इसके बाद उन्हें सकुशल उनके घर भेज दिया गया है.
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136 छात्रों की जानकारी मिली है
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन पर मणिपुर में यूपी के 136 छात्रों की जानकारी मिली है। इनमें आईआईटी मणिपुर के 52 छात्र, एनआईटी इंफाल के 47 छात्र, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के 30 छात्र, मेडिकल कॉलेज के 2 छात्र, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के 3 छात्र और 2 अन्य छात्र शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा लखनऊ के 17, प्रयागराज के 13, कानपुर नगर के 10, गाजियाबाद के 8, वाराणसी के 6, गाजीपुर के 8, नोएडा के 4 और अंबेडकर नगर के 4 छात्र हैं. छात्रों की उपलब्धता के आधार पर राज्य सरकार टिकट की व्यवस्था कर रही है। छात्रों को सुरक्षित एयरपोर्ट तक लाने के लिए मणिपुर में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय किया गया है. सूडान संकट की तरह छात्रों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए गौतमबुद्ध नगर एवं गाजियाबाद के अधिकारियों के समन्वय से उत्तर प्रदेश के स्थानीय आयुक्त द्वारा कार्रवाई की जा रही है.