दोस्त विवेक लौर द्वारा सचिन लौर के घर की छत पर फहराया गया तिरंगा।
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गांव नगलिया गौरौला निवासी सचिन लौर के रजोरी में बलिदान होने के बाद गांव के कुछ लोगों में जहां बलिदान का गर्व है तो वहीं अधिकांश लोग घटना पर पीएम मोदी की चुप्पी और सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराज हैं। गांव के युवाओं और सचिन के दोस्तों ने तो यहां तक कह दिया कि मोदी सरकार या तो बलिदानियों का बदला इजराइल की तरह ले अन्यथा गद्दी छोड़ दे। वीर सैनिकों को इस तरह नहीं खो सकते। अब समय आ गया है कि मोदी सरकार या तो आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करे या फिर इजराइल की तरह आतंकियों से बदला ले।
सचिन के बलिदान को हम भुला नहीं सकते। अब मोदी सरकार को इजराइल की तरह घर में घुसकर आतंकियों का सफाया करना चाहिए। -पुष्पेन्द्र लौर।
सचिन सहित पांच सैनिकों के बलिदान होने की घटना को चार दिन बीत गए, लेकिन आतंकियों को सबक सिखाना तो दूर पीएम मोदी ने शोक भी व्यक्त करना जरूरी नहीं समझा। -दिनेश कुमार।
घटना के चार दिन बाद भी पीएम मोदी की चुप्पी से जाहिर होता है कि सरकार सैनिकों के साथ दिवाली मनाकर सिर्फ दिखावा कर रही है। अगर सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो गांव से कोई दूसरा सचिन नहीं निकलेगा।– राहुल लौर।
सचिन बहादुर था, उसने आतंकियों के कमांडर को ढेर कर अपना बलिदान दिया है। देश में बगैर किसी युद्ध के आए दिन सैनिकों का बलिदान होना चिंताजनक है। इस पर सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। – प्रेमपाल सिंह लौर, चाचा।