चित्रकूट भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। पौष मास की इस पावन तिथि पर, कड़ाके की ठंड और खराब मौसम के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाई नहीं। दूर-दूर से आए लाखों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मंदाकिनी नदी में ड
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श्रद्धालुओं का जनसैलाब
सोमवती अमावस्या के अवसर पर धर्मनगरी में श्रद्धालुओं का आगमन रविवार से ही शुरू हो गया था। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और निजी वाहनों से आने वालों की तादाद ने मेला को आस्थामय बना दिया। रामघाट, भरतघाट और आरोग्यधाम में तड़के से ही स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
कड़ाके की सर्दी को किया नजरअंदाज
बीते तीन दिनों से बारिश और घने कोहरे के कारण ठंड में इजाफा हुआ, लेकिन श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके। सर्दी से बचाव के लिए प्रशासन ने जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था की। मंदिरों में जलाभिषेक और भगवान कामदनाथ की परिक्रमा कर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था प्रकट की।
प्रशासन ने किया चाक-चौबंद इंतजाम
यूपी और एमपी प्रशासन ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए पांच जोन और 15 सेक्टर बनाए। हर सेक्टर में मजिस्ट्रेट और सीओ स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। भीड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
पुलिस अधिकारियों का निरीक्षण
रविवार रात एसपी अरुण कुमार सिंह और एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी ने मेला क्षेत्र का दौरा किया। रामघाट, तुलसीघाट, नयापुल और अन्य प्रमुख स्थलों पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं से विनम्रता से व्यवहार करें और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें।
आस्था का उत्सव जारी
ठंड और खराब मौसम को नजर अंदाज करते हुए, श्रद्धालु अपने विश्वास के साथ धर्मनगरी की ओर बढ़ते रहे। चित्रकूट की यह सोमवती अमावस्या आस्था और भक्ति का एक अनोखा उदाहरण बन गई।