कोर्ट में पहुंचे आजम खां, अब्दुल्ला आजम और तंजीम फात्मा
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मुरादाबाद के छजलैट के 15 साल पुराने मामले में दोषी ठहराए गए अब्दुल्ला आजम उस वक्त बालिग थे या नाबालिग, यह तय होने में अभी समय लगेगा। अब्दुल्ला आजम को अब तक नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। जिस कारण बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई।
अदालत ने इस मामले में दो नवंबर को दोनों पक्षों को तलब किया है। 2008 में छजलैट थाने के सामने आजम खां की कार पुलिस ने चेकिंग में रुकवा ली थी। उस वक्त आजम खां अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे।
जिसे लेकर हंगामा और रोड जाम किया गया था। इस मामले में आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। मुरादाबाद की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 13 फरवरी 2023 को आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा और प्रत्येक पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस मामले में अब्दुल्ला आजम ने जनपद न्यायालय में 21 फरवरी को अपील की थी। अब्दुल्ला आजम ने अपनी अपील में कहा था कि वह घटना के वक्त नाबालिग थे। इस कारण उनके मुकदमे की सुनवाई का अधिकार किशोर न्याय बोर्ड को था न कि किसी अन्य अदालत को।
इसी बात को लेकर अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने जनपद न्यायाधीश मुरादाबाद को मामले का निस्तारण के लिए आदेशित किया था। जिला शासकीय अधिवक्ता नितिन गुप्ता ने बताया कि जनपद न्यायाधीश अजय कुमार ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर दिया था।
लेकिन अब्दुल्ला आजम की ओर से कोई हाजिर नहीं हुआ। जिस कारण से अदालत ने पुनः नोटिस जारी करते हुए दोनों पक्षों को दो नवंबर को अदालत में तलब किया है।