अलीगढ़ महानगर के बेगमबाग इलाके के एक ट्रक क्लीनर की जेवर के पास दुर्घटना में मौत के बाद परिजन शव को साथ ले आए। मगर देर रात शव यहां रामघाट रोड पर रखकर जाम लगा दिया। वह पुलिस स्तर से सुनवाई न होने से नाराज थे और मुआवजे की मांग कर रहे थे। क्वार्सी इंस्पेक्टर ने पहुंचकर उनकी बात सुनकर समझाकर जाम खुलवाया और सुबह दनकौर जाकर मुकदमा दर्ज कराने की बात पर सहमति बनी। देर रात शव को सड़क से हटाकर घर ले जाया जा रहा था।
बताया गया है कि 55 वर्षीय जितेंद्र दो बच्चों के पिता थे। वह मोहल्ले के ही एक ट्रक पर क्लीनर थे। 13 मई देर शाम दुर्घटना में जितेंद्र की मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिवार को सौंप दिया। 14 मई शाम को परिजन शव यहां ले आए। पहले तो शव घर पर ही रखे रखा। देर रात परिजन बिना अंतिम संस्कार किए मुआवजे की मांग करते हुए शव एसएमवी स्कूल के बाहर ले आए और जाम लगा दिया। उनका कहना था कि न तो पुलिस ने उनकी बात सुनी और न ट्रक मालिक ही उनसे मिलने आया और न मुआवजे पर बात बनी। जाम से कुछ ही देर में वहां यातायात व्यवस्था गड़बड़ा गई।
लोगों ने पुलिस विरोधी नारे भी लगाए। क्वार्सी इंस्पेक्टर ने पहुंचकर परिवार को समझाते हुए पहले जाम खुलवाया, फिर उनसे तहरीर देने की बात कही। इसी बीच बातचीत में पता चला कि वह तहरीर दनकौर में दे आए हैं। इस पर दनकौर पुलिस से वार्ता के बाद तय किया गया कि परिजन सुबह दनकौर जाएंगे। वहां तत्काल मुकदमा दर्ज होगा और आगे की कार्रवाई होगी। इसके बाद मुआवजा आदि दिलाने पर सहमति बनेगी। इसके बाद परिजन माने और शव को सड़क से हटाकर जाम खोला।