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देवरिया के बरहज में बड़ा हादसा टला: सरयू नदी में श्रद्धालुओं से भरी नाव पलटी, 12 लोगों को गोताखोरों ने बचाया — कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान मची अफरा-तफरी

कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर बुधवार सुबह देवरिया जिले के बरहज थाना क्षेत्र के थाना घाट पर उस समय हड़कंप मच गया, जब श्रद्धालुओं से भरी एक डेंगी नाव सरयू नदी में पलट गई। हादसे के वक्त नाव में करीब 12 लोग सवार थे। नदी के तेज बहाव और नाव के ओवरलोड होने से यह हादसा हुआ। गनीमत रही कि घाट पर मौजूद स्थानीय गोताखोरों और ग्रामीणों की सतर्कता से सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह स्नान के शुभ मुहूर्त पर हजारों श्रद्धालु सरयू तट पहुंचे थे। परंपरा के अनुसार श्रद्धालु नदी के दूसरे किनारे स्नान करने जा रहे थे, तभी नाव बीच धारा में असंतुलित होकर पलट गई। अचानक हुए हादसे से घाट पर अफरा-तफरी मच गई। चीख-पुकार सुनते ही स्थानीय गोताखोरों और नाविकों ने नदी में छलांग लगाई और सभी को बाहर निकाल लिया। कुछ श्रद्धालु तैरकर किनारे पहुंचे, जबकि बाकी को रस्सी फेंककर बचाया गया।

घटना के बाद घाट पर भगदड़ और दहशत का माहौल बन गया। मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा इंतज़ाम और लाइफ जैकेट के ओवरलोड नावें चल रही थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई रोक-टोक नहीं की।

गोताखोरों की बहादुरी की सबने सराहना की। स्थानीय गोताखोर रामनरेश यादव ने बताया कि हादसे के समय चार गोताखोर तुरंत नदी में कूद गए और एक-एक करके सभी लोगों को किनारे लाया। हादसे में किसी की जान नहीं गई, हालांकि कुछ लोगों को हल्की चोटें आईं।

घटना के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि बिना मानक और अनुमति के नावें कैसे चल रही थीं। बरहज घाट पर इन दिनों कई नावें श्रद्धालुओं को ले जा रही हैं, जिनके पास न तो पंजीकरण है और न ही सुरक्षा प्रमाणपत्र। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल त्योहारों पर दिखावे की जांच करता है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई सख्ती नहीं होती।

हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आया। बरहज थानाध्यक्ष और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। नाव को जब्त कर लिया गया है और नाव मालिक के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। बरहज के एसडीएम विपिन द्विवेदी ने कहा कि अब बिना अनुमति कोई नाव नदी में नहीं उतरेगी। सभी घाटों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है और ओवरलोड नावों पर सख्त कार्रवाई होगी।

इस घटना ने एक बार फिर त्योहारों के दौरान सुरक्षा तैयारियों की पोल खोल दी है। लाखों श्रद्धालु हर साल सरयू नदी में स्नान करने आते हैं, लेकिन सुरक्षा इंतज़ाम अब भी नाकाफी हैं। अगर गोताखोर समय पर कार्रवाई न करते, तो यह हादसा बड़ा रूप ले सकता था।

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