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भारतीय रेलवे की योजना: अगले 5 साल में शहरी ट्रेनों की क्षमता में बड़ा विस्तार

 

देश में रेल यात्रा की मांग में लगातार हो रही तेज़ वृद्धि को देखते हुए भारतीय रेलवे ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. रेलवे ने अगले 5 सालों में देश के प्रमुख शहरों से चलने वाली ट्रेनों की क्षमता को मौजूदा स्तर से दोगुना करने की योजना बनाई है. रेलवे का लक्ष्य है कि साल 2030 तक प्रमुख शहरों में ट्रेनों के संचालन की क्षमता को व्यापक रूप से बढ़ाना है.

रेल मंत्रालय के मुताबिक, रेलवे के वर्तमान बुनियादी ढांचे को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप मजबूत किया जाएगा ताकि बढ़ती यात्री संख्या को सुचारु रूप से संभाला जा सके. इस योजना के तहत कोचिंग टर्मिनलों के विस्तार, नए टर्मिनलों के निर्माण और ट्रैक और सिग्नलिंग क्षमता बढ़ाने जैसे कई अहम काम को अंजाम दिए जाएंगे. रेलवे की ओर से प्रस्तावित कामों में मौजूदा टर्मिनलों पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइनों, पिट लाइनों और शंटिंग सुविधाओं का विकास करना है.

क्या है रेलवे की योजना
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि टर्मिनलों के साथ-साथ उनके आसपास के स्टेशनों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी. उदाहरण के तौर पर जैसे पुणे के साथ-साथ हड़पसर, खड़की और आलंदी स्टेशनों को भी क्षमता वृद्धि योजना में शामिल किया गया है. उपनगरीय और गैर-उपनगरीय यातायात पर भी समान ध्यान देना है. यह योजना उपनगरीय और गैर-उपनगरीय दोनों प्रकार के यातायात को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है, क्योंकि दोनों की जरूरतें अलग-अलग हैं. देश के 48 प्रमुख शहरों के लिए एक व्यापक और समयबद्ध योजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें पहले से स्वीकृत, प्रस्तावित और नई परियोजनाएं शामिल होंगी.

48 प्रमुख शहर शामिल
इस महत्वाकांक्षी योजना में 48 प्रमुख शहर शामिल हैं, जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, पटना, लखनऊ, पुणे, नागपुर, वाराणसी, कानपुर, जयपुर, भोपाल, इंदौर, कोच्चि, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, गुवाहाटी, रांची, रायपुर समेत 48 शहर शामिल हैं. रेलवे ने जो टारगेट सेट किया है वो साल 2030 तक क्षमता दोगुनी करने का है, लेकिन रेलवे का कहना है कि अगले पांच सालों में ही चरणबद्ध तरीके से क्षमता में वृद्धि शुरू हो जाएगी, ताकि यात्रियों को इसका तत्काल लाभ मिल सके. इन योजनाओं को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा- तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक, जिनके लिए स्पष्ट समयसीमा और परिणाम तय किए जाएंगे.

इस योजना को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम बढ़ती यात्री मांग को पूरा करने और भीड़ कम करने के लिए अलग अलग शहरों में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार कर रहे हैं और सेक्शनल और परिचालन क्षमता को मजबूत बना रहे हैं. इससे रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण होगा और देशभर में कनेक्टिविटी बेहतर होगी.

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