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विधायक पूजा पाल का डिप्टी सीएम केशव मौर्य के पैर छूने का वीडियो वायरल—सपा एमएलसी मान सिंह का आरोप, कहा- भाजपा पीडीए को कमजोर करने में लगी है

प्रयागराज में समाजवादी पार्टी से निलंबित विधायक पूजा पाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें वह उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के चरण स्पर्श करती दिखाई दे रही हैं। इस घटना ने राजनीतिक बहस को नया मोड़ दे दिया है, जिस पर सपा ने तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। पार्टी के एमएलसी मान सिंह यादव का कहना है कि भाजपा लगातार पीडीए वर्ग को विभाजित करने की कोशिश कर रही है और जनता इस पूरे घटनाक्रम को ध्यान से देख रही है।


पहले भी चर्चा में रहीं पूजा पाल – योगी की तारीफ के बाद अब नया विवाद

चायल (कौशांबी) से विधायक पूजा पाल पहले भी सुर्खियों में रही हैं। कुछ समय पहले उन्होंने विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सार्वजनिक सराहना की थी, जो काफी चर्चा में रहा था। अब नया वीडियो मंगलवार को सामने आया, जब उन्होंने सर्किट हाउस में उपमुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की और इसी दौरान कैमरों में यह दृश्य कैद हुआ।


“समय जवाब देगा”—सपा नेता की टिप्पणी

वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए एमएलसी मान सिंह यादव ने कहा कि जनता सब कुछ समझ रही है। उनके अनुसार, जब उपमुख्यमंत्री अपनी ही सीट पर विजय हासिल नहीं कर पाए, तो एक विधायक द्वारा इस तरह का व्यवहार कई सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत टिप्पणी करने का कोई इरादा नहीं, परन्तु समय स्वयं सबका जवाब देगा।


भाजपा पर बड़ा आरोप—पीडीए को कमजोर करने की कोशिश

मान सिंह यादव के अनुसार भाजपा लगातार पीडीए समाज को तोड़ने, भटकाने और कमजोर करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि जिस विधायक को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भरोसे के साथ विधानसभा भेजा, वही आज भाजपा नेताओं के आगे नतमस्तक दिखाई पड़ रही हैं—यह पीडीए समाज को संदेश देता है, जिसे जनता नजरअंदाज नहीं करेगी।


सपा बोली—हम अधिकारों की लड़ाई में प्रतिबद्ध

एमएलसी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की नीति स्पष्ट है—चाहे संविधान की रक्षा हो, आरक्षण की सुरक्षा या पीडीए समुदाय के अधिकार। वहीं उन्होंने भाजपा को “राजनीतिक ब्लैकमेलिंग करने वाली पार्टी” बताया। उनका कहना है कि भाजपा सत्ता के स्वार्थ के लिए रणनीति चलाती है, जबकि सपा सामाजिक न्याय के सिद्धांत पर कायम है।


पूजा पाल के इस व्यवहार के बाद सपा सख्त रुख में दिख रही है, जबकि भाजपा इस मसले पर अब तक चुप्पी साधे हुए है। आने वाला समय बताएगा कि विधायक का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा और इस घटना का प्रदेश की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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