डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर शनिवार की सुबह बस्ती में प्रभातफेरी निकाली गई। आंबेडकर सेवा समिति मड़वानगर की ओर से आयोजित इस पदयात्रा का नेतृत्व समिति की अध्यक्ष सरोज कुमारी, महेंद्र कुमार और धर्मेंद्र कुमार ने किया। यह प्रभातफेरी सामाजिक समानता, न्याय और भाईचारे का संदेश देते हुए शहर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी, जिसे लोगों ने उत्साह के साथ देखा।
आंदोलन का उद्देश्य—विचारों को जन-जन तक पहुँचाना
समिति पदाधिकारियों के अनुसार यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज को जागरूक करना और संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचना है। यात्रा कंपनीबाग, गांधीनगर, पक्का बाजार और अन्य प्रमुख स्थानों से होकर आगे बढ़ी, जिसमें स्थानीय लोगों की स्वतः-प्रेरित भागीदारी भी देखने को मिली।
‘जय भीम’ के नारों से गूँज उठा शहर
प्रभातफेरी के दौरान लोगों ने ‘जय भीम’, ‘समता–मुक्ति–न्याय’ जैसे नारे लगाए, जिससे पूरा वातावरण आंबेडकर विचारधारा की भावना से भर गया। समिति अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के संघर्ष, उनकी सोच और सामाजिक न्याय की लड़ाई आज भी नए भारत को दिशा देती है। उन्होंने साफ कहा कि शिक्षा, समान अवसर और संवैधानिक जागरूकता ही इस कार्यक्रम की आधारशिला है।
युवाओं की सक्रिय भागीदारी—बदलते समाज का संकेत
इस अवसर पर युवाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाया। प्रभातफेरी में आर.के. आरतियन (जिलाध्यक्ष–भारत मुक्ति मोर्चा), तिलकराम, सरिता भारती, हृदय गौतम, डॉ. आर.के. आनंद, कमलेश सचान, साधना, चंद्रिका प्रसाद, उदयभान, अजय आज़ाद, गुंजन कुमारी, नीलू निगम और अमित कुमार समेत कई कार्यकर्ता व नागरिक शामिल रहे।
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