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छात्रा ने आत्महत्या की: रैगिंग मामले की जांच सीओ सिटी ने शुरू की, कॉल डिटेल्स और फुटेज पर नजर रखी जा रही है।

 

हिंद मेडिकल कॉलेज में रैगिंग से परेशान होकर नर्सिंग की छात्रा के आत्महत्या मामले की जांच बृहस्पतिवार को सीओ सिटी को सौंप दी गई। इस सब के बीच कॉलेज प्रशासन ने रैगिंग के आरोपों को खारिज करते हुए मृतका व आरोपी छात्रा के परिजनों से बात की। हॉस्टल की वार्डन आराधना दुबे व कॉलेज के एडमिन विवेक सक्सेना ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।

सफेदाबाद स्थित हिंद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में बहराइच जिले के रामपुर हुसैन बख्श गांव निवासी जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) तृतीय वर्ष की छात्रा सलोनी पुष्कर का शव 27 जुलाई को फंदे से लटका मिला था। पुलिस इसे सामान्य आत्महत्या मान रही थी। इस बीच मंगलवार को सलोनी की मां गोमती देवी ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया कि सलोनी ने रूममेट सीनियर छात्रा की रैगिंग से आजिज आकर जान दी है।

घटना से पहले उसने प्राचार्य और विभागाध्यक्ष से इसकी शिकायत की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसपर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोपी वर्षा यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया।

 

 

बृहस्पतिवार से सीओ सिटी जगत कनौजिया ने जांच शुरू करते हुए दोनों छात्राओं की कॉल डिटेल, कॉलेज में उनके कमरे के आसपास व परिसर के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज कॉलेज प्रशासन से मांगे। सलोनी के परिजनों को बहराइच से बयान के लिए बुलाया गया। सीओ ने बताया कि सहपाठियों से भी बात की जाएगी।

 

 

तो छह माह से क्लास में नहीं आ रही थी सलोनी

 

नर्सिंग प्रिंसिपल गंगेश्वरी में बताया कि सलोनी पढ़ाई का तीसरा वर्ष पूरा कर इंटर्नशिप कर रही थी। पिछले छह महीने से उसका क्लास में आना-जाना नहीं था। ड्यूटी हॉस्पिटल में लग रही थी। उसने कभी रैगिंग की शिकायत नहीं की थी।

मां बोली…बस न्याय चाहिए

 

सलोनी की मां गोमती देवी ने बातचीत में बताया कि घटना से पूरा परिवार सदमे में है। उन्हें बस न्याय चाहिए। भाई राहुल से फोन पर संपर्क किया गया तो उसने सब बहुत परेशान हैं… कहकर फोन काट दिया।

और एक महीने पुराने रैगिंग मामले में समझौता

 

हिंद मेडिकल कॉलेज में करीब एक महीने पहले डॉ. शिवम शंकर व उत्तम कुमार ने रैगिंग और मॉब लिंचिंग के आरोप लगाकर सीनियर पर केस दर्ज कराया था। आरोप था कि प्रताड़ना से परेशान होने के कारण करीब एक सप्ताह से वे कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं। शहर कोतवाल अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि दोनों पक्षों ने सुलह कर ली है।

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