बलरामपुर — भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्रोत गीत ‘वंदे मातरम्’ अपने 150 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए प्रदेशभर में उत्सवों की तैयारियां शुरू हो गई हैं। गुरुवार को अटल भवन स्थित भाजपा कार्यालय में जिला अध्यक्ष रवि कुमार मिश्र, सदर विधायक पलटू राम और तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ल ने कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
जिला अध्यक्ष रवि मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार 7 नवंबर को राज्य के 18 प्रमुख स्थलों पर 150 कार्यकर्ता सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन करेंगे। इसके बाद 8 से 15 नवंबर तक सभी जिलों में सामूहिक गायन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सभाएं आयोजित होंगी।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सांसदों और विधायकों के नेतृत्व में ‘एक कॉलेज, एक कार्यक्रम’ अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही मंडल स्तर पर तिरंगा यात्राएं, बाइक रैलियां और प्रभात फेरियां निकाली जाएंगी। ‘वंदे मातरम् 150’ थीम पर आधारित प्रदर्शनी, निबंध, कविता, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
सदर विधायक पलटू राम ने कहा कि केंद्र सरकार ने ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रीय स्तर पर उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि यह गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में रचा था, और 1896 में रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था। वर्ष 1950 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसे राष्ट्रगीत का दर्जा दिया।
तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ल ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की एकता और गौरव का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि यह वही नारा था जिसने तिलक, लाजपत राय, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि 1923 में काकीनाडा कांग्रेस अधिवेशन के दौरान इस गीत पर कुछ आपत्तियां उठी थीं, लेकिन समय के साथ यह भारत की आत्मा की धड़कन बन गया।
कार्यक्रम के दौरान जिला मीडिया प्रभारी डी.पी. सिंह बैस और संयोजक वरुण सिंह मोनू भी मौजूद रहे।
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