आगरा के सिकंदरा क्षेत्र के रहने वाले शिक्षक को साइबर अपराधियों ने दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। दहशत के चलते शिक्षक ने पत्नी के जेवरात गिरवी रखकर साइबर अपराधियों के खाते में रकम जमा कराई। धोखाधड़ी का पता चलने पर ह
गांव खड़़वाई, सिकंदरा के रहने वाले 58 वर्ष के ब्रिजेंद्र सिंह अछनेरा ब्लाक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि 13 अगस्त 2024 को अनजान नंबर से युवती ने काल करके कहा कि वह उन्हें पहचानती हैं। अपरिचित नंबर होने पर उन्होंने काल कट कर दी। अगले दिन उनके पास काल आयी। काल करने वाले ने कहा कि दिल्ली क्राइम ब्रांच से बोल रहा है। उन्होंने 13 अगस्त को एक युवती से आपत्तिजनक बातें की थी। युवती ने उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। फिर कहा कि वह निर्दोष लग रहे हैं, उनके वीडियो यूट्यूब, इंस्टाग्राम एवं फेसबुक पर अपलोड हो गए हैं। जिन्हें डिलीट कराने को 55 हजार रुपए अपने खाते में डलवा लिए।
अगले दिन काल करके बताया कि कि शिकायत करने वाली युवती को पूछताछ को लाए थे।उसने आत्महत्या करने के लिए इमारत से छलांग लगा दी है। अस्पताल में भर्ती युवती के उपचार के नाम पर एक लाख रुपये खाते में जमा कराने को कहा। जेवरात रखे गिरवी बिजेंद्र सिंह ने बताया पत्नी के जेवरात गिरवी रखकर उन्होंने खाते में रकम जमा करा दी।दहशत के कारण उन्होंने परिजनों को इसके बारे में नहीं बताया। आरोपियों ने 16 अगस्त कोकाल करके कहा कि युवती की मौत हो गई है। उसके माता-पिता एक और मुकदमा दर्ज करा रहे हैं। माता-पिता से राजीनामा कराने के नाम पर ढाई लाख रुपये और मांगे। शिक्षक ने पुत्र को इसकी जानकारी दी। वह पत्नी के बाकी जेवरात गिरवी रखने के लिए सर्राफ के पास गए थे। उसे घटनाक्रम बताने पर सर्राफ ने साइबर अपराध का शिकार होने की बताते हुए पुलिस से मदद लेने को कहा। उन्होंने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबर थाने में शिकायत की थी। मामले में छह जनवरी को साइबर क्राइम थाने ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर समय सिंह ने बताया कि आरोपितों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।