मानसून के चलते प्रयागराज समेत आसपास के जिलों में सर्पदंश (सांप के काटने) के मामलों में तेजी आई है। लगातार बारिश से जहरीले जीव-जंतुओं के बिलों में पानी भर रहा है, जिससे ये जीव भोजन और सुरक्षित स्थान की तलाश में रिहायशी इलाकों की ओर आने लगे हैं। इसके कारण ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गई हैं।
बीते एक हफ्ते में प्रयागराज जिले में सर्पदंश के 12 से अधिक मामले सामने आए हैं। नारायण स्वरूप अस्पताल में ऐसे दो गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पहला मामला कौशांबी जिले के चायल क्षेत्र से है, जहां 11 साल की बच्ची खुशी को विषैले जीव ने काट लिया। बच्ची को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कर एंटी स्नैक वेनम दिया गया। दूसरा मामला प्रतापगढ़ का है, जहां 35 वर्षीय कथावाचक को रात में जमीन पर सोते समय करैत सांप ने काट लिया। उसे भी गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया और वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ इलाज शुरू किया गया।
दोनों मरीजों का इलाज कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजीव सिंह के अनुसार, करैत और कोबरा मैदानी इलाकों में पाए जाने वाले सबसे विषैले सांप हैं। इनके जहर से ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड पैरालाइज हो सकते हैं। खास बात यह है कि करैत सांप के काटने पर दर्द नहीं होता, लेकिन थोड़ी देर में शरीर शिथिल हो जाता है और सांस रुकने की स्थिति बन सकती है।
डॉ. सिंह ने बताया कि समय पर इलाज होने से दोनों मरीजों की जान बचाई जा सकी है। उन्होंने लोगों को मानसून के मौसम में खास सावधानी बरतने की सलाह दी है, जैसे खेतों में जाते समय जूते पहनना, घर के आसपास की झाड़ियों की सफाई रखना, और रात में जमीन पर न सोना।