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पीएम मोदी संग सफेद फॉर्च्यूनर में पुतिन — यह कौन-सी कार थी और इसकी कीमत कितनी बताई जा रही है?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा इस बार कई वजहों से चर्चा का विषय बना। उनके आगमन पर प्रोटोकॉल से हटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं पालम एयरपोर्ट पहुंचे और गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यह दृश्य भारत और रूस के बीच मजबूत होते भरोसे का प्रतीक बन गया।

एयरपोर्ट से निकलते समय दोनों नेता जिस व्हाइट टोयोटा फॉर्च्यूनर में साथ बैठे—वहीं सबसे अधिक चर्चा में रही। आम तौर पर वीवीआईपी मूवमेंट में बख्तरबंद गाड़ियों का प्रयोग होता है, लेकिन इस बार साधारण दिखने वाली SUV ने सभी का ध्यान खींच लिया। यह दृश्य दोनों नेताओं की व्यक्तिगत निकटता और आपसी विश्वास का संकेत माना गया।


कौन-सा था फॉर्च्यूनर मॉडल और क्यों हुई चर्चा?

वायरल हुई फॉर्च्यूनर का रजिस्ट्रेशन नंबर MH01 EN 5795 बताया गया है। यह Toyota Fortuner Sigma 4 MT वेरिएंट है, जिसे अप्रैल 2024 में रजिस्टर किया गया था। इसकी कीमत लगभग 45 लाख रुपये के करीब मानी जाती है।

आमतौर पर इस मॉडल को हाई-प्रोफाइल राजनयिक काफिलों में नहीं देखा जाता, इसलिए यह कार अचानक स्पॉटलाइट में आ गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि नई सुरक्षा फ्लीट का हिस्सा होने के कारण इसे चुना गया, जिसकी फिटनेस वैधता अप्रैल 2039 तक है।


पुतिन की बख्तरबंद Aurus Senat इस बार क्यों नहीं आई?

राष्ट्रपति पुतिन अक्सर विदेशी दौरों पर अपनी अल्ट्रा-प्रोटेक्टेड Aurus Senat कार साथ लेकर चलते हैं, जिसे चलते-फिरते सुरक्षा कवच जैसा माना जाता है। इसके बावजूद भारत में उन्होंने इसका उपयोग नहीं किया। विश्लेषकों के अनुसार यह निर्णय दोनों नेताओं के बीच मजबूत विश्वास और सहज कारोबारी रिश्ते को दर्शाता है। इसे उनके निजी स्तर पर बने निकट संबंधों का संकेत भी कहा गया।


एक ही कार में साथ सफर—प्रोटोकॉल से हटकर बड़ा प्रतीक

वैश्विक स्तर पर राष्ट्राध्यक्ष आमतौर पर अलग-अलग वाहनों में चलते हैं और उनके सुरक्षा घेरे बेहद सख्त होते हैं। ऐसे में मोदी और पुतिन का एक ही कार में बैठकर सफर करना परंपरागत नियमों से हटकर एक बड़ा संदेश देता है—कि दोनों नेता सिर्फ रणनीतिक साझेदार नहीं, बल्कि आपसी समझ और भरोसे की मजबूत स्थिति में हैं।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस पल को यात्रा का सबसे प्रतीकात्मक क्षण बताया।


पीएम आवास में विशेष व्यवस्था

लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पहुंचने पर परिसर में भारत और रूस के झंडों से साज-सज्जा की गई थी। सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्थाओं में भी बड़े बदलाव किए गए। इन तैयारियों ने स्पष्ट कर दिया कि भारत इस यात्रा को कितनी अहमियत देता है।


रक्षा, ऊर्जा और व्यापार पर अहम वार्ता

पुतिन की इस विज़िट के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर मुख्य रूप से बातचीत केंद्रित रही। रक्षा प्रौद्योगिकी, ऊर्जा सहयोग और व्यापार विस्तार पर विस्तृत चर्चा तय है। मौजूदा वैश्विक माहौल में यह मुलाकात भारत की संतुलित कूटनीति और बहुपक्षीय रिश्तों को दर्शाती है—जहां वह अमेरिका और रूस दोनों के साथ अपने हितों का संतुलन बनाए रख रहा है।

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