उन्नाव के मियागंज विकासखंड स्थित माखी गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी गौरांग राठी को ज्ञापन सौंपकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 24 घंटे संचालित करने की मांग की है।
माखी गांव में 2019 में 5 करोड़ 25 लाख 55 हजार रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था। यह केंद्र आसपास के 40-50 गांवों के करीब 70 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए बनाया गया था।
वर्तमान में यह केंद्र सिर्फ सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही खुलता है। इसके बाद केंद्र में ताला लग जाता है। शाम और रात के समय आपात स्थिति में मरीजों को या तो निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है या फिर जिला मुख्यालय जाना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि शाम के बाद केंद्र बंद होने से प्रसव पीड़ित महिलाओं और गंभीर रोगियों को परेशानी होती है। कई बार मरीजों की मौत रास्ते में ही हो जाती है। पहले इस समस्या को लेकर सीएमओ को शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही स्वास्थ्य केंद्र को 24 घंटे नहीं खोला गया तो वे आंदोलन करेंगे। स्थानीय निवासी अजीत सिंह प्रीतू ने कहा कि यह केंद्र आसपास के लोगों के लिए जीवन रेखा है, लेकिन सीमित समय में ही सेवाएं मिल पाती हैं।
रात में मरीजों को भटकना पड़ता है। प्रशासन को तुरंत कदम उठाना चाहिए। वहीं आलोक पांडेय ने कहा कि सरकार ने लाखों-करोड़ों खर्च करके अस्पताल तो बना दिया, लेकिन उसे 24 घंटे चालू न करके महज दिखावा किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों की उम्मीदें टूट रही हैं।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से केंद्र को 24 घंटे चालू कराने के साथ-साथ पर्याप्त डॉक्टर और स्टाफ तैनात करने की मांग भी उठाई है।