जाम में फंसे ट्रक और परेशान होती जनता
नये वाहन दुर्घटना कानून के तहत दुर्घटना करने वाले वाहन चालक के खिलाफ सजा में कैद की अवधि बढ़ाने तथा मोटा जुर्माना लगाने के विरोध में 31 दिसंबर की प्रात: आठ बजे एटा एनएच 91 पर गांव उमरावुपर के पास ट्रक एवं अन्य वाहनों के चालकों ने दो जाम लगा दिया। जिससे दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गयी। कड़कड़ाती ठंड में बसों में बैठे यात्री परेशान हो गए। दो घंटे बाद कोतवाली पुलिस द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद जाम खोला गया। इसके बाद कासगंज रोड पर सरदला नाले के ऊपर से जा रहे बाईपास पर प्रात: दस बजे बजे पुन: जाम लगा दिया गया। इसे पुलिस ने तीस मिनट में खुलवा दिया।
बता दें कि पहले वाहन दुर्घटना में मौत होने पर आरोपी चालक को सात वर्ष के कारावास की सजा का प्रावधान था। उच्चतम न्यायालय के निर्णय में कि सात वर्ष की अवधि वाले मामलों में तत्काल जमानत मिलने से दोषी चालक जेल नहीं जा पाते थे। अब लोकसभा में इस कानून में संशोधन कर सम्भवत: 10 वर्ष की सजा तथा दस लाख रुपये जुर्माने के प्रावधान किया जा रहा है। इसे लेकर वाहन चालकों में रोष उत्पन्न हो गया है।
इसी को लेकर प्रात: काफी संख्या में ट्रक एवं अन्य वाहन चालकों ने गांव उमरावपुर के पास दोनों एनएच की लेन पर आड़े तिरछे ट्रक लगा कर जाम लगा दिया तथा नारेबाजी करने लगे। जाम लगते ही दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गयी। जाम में फंसी रोडवेज की बस में तथा छोटे चौपहिया वाहनों में बैठे लोग ठंड से परेशान हो गए। कोतवाल आशीष कुमार सिंह तत्काल मय फोर्स मौके पर पहुंच गये तथा समझा बुझा कर जाम खुलवा दिया। यहां से जाम खुलने के बाद आगे कासगंज रोड पर सरदला नाले के ऊपर एनएच पर चालकों ने दोबारा जाम लगा दिया। यहां कोतवाली पुलिस का रोद्र रूप देख कर आधा घंटा बाद स्वत: जाम खुल गया।
ट्रक चालक हरी सिंह निवासी मैनपुरी ने कहा कि हम जानबूझ कर दुर्घटना नहीं करते हैं। अब दुर्घटना के बाद सजा बढ़ने से काम करें या नहीं, यह सोचना पड़ेगा। डंपर चालक प्रेम सिंह ने कहा कि सामने वाले की असावधानी से से भी दुर्घटना हो तो बड़े वाहन को ही दोषी माना जाता है। इसके लिये क्या नया कानून बनाने की आवश्यकता नहीं है। कोतवाल आशीष कुमार सिंह ने बताया कि जाम तो लगा लेकिन उसे खुलवा दिया गया। भविष्य में कानून को लेकर जाम न लगे इसका पूरा प्रयास किया जायेगा।