आईटी सिक्योरिटी के बड़े उद्योगपति ज्ञानप्रकाश सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने कुलपति प्रोफेसर बिहारी लाल शर्मा से शिष्टाचार भेंट की। विश्वविद्यालय का दौरा किया और सभी विभागों को बारीकी से देखा। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालय में सं
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काशी संस्कृति की राजधानी इस दौरान उन्होंने कहा काशी सांस्कृतिक राजधानी है। जहां की हवा में भारतीय संस्कृति की सम्पूर्णता घुली हुई है। यहां पर देव भाषा संस्कृत के संरक्षण के लिए समर्पित भाव से सहयोग करना एक सौभाग्य का प्रहर होगा। इस धरा पर देव भाषा का अध्यापन करने वाले ऋषि तुल्य आचार्यों एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए कुछ करना जीवन का पूजा और समर्पण होगा।
पांडुलिपियों का अवलोकन कर हुए अभिभूत इसके बाद उद्योगपति ज्ञानप्रकाश सिंह ने विश्वविद्यालय के सरस्वती भवन पुस्तकालय में दुर्लभ पांडुलिपियों का सूक्ष्मता से अवलोकन कर भारतीय संस्कृति एवं भारतीय ज्ञान परम्परा का अद्भुत संरक्षण देखा और सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय की हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया है।
विकास समिति के माध्यम से संस्था के अभ्युदय की दिशा में प्रयास कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने ज्ञान प्रकाश सिंह को बताया कि यह संस्था 234 वर्षो से स्थापित है। जो कि भारत की आत्मा है। संस्कृत, संस्कृति एवं भारतीयता की प्रेरणास्रोत है। प्राच्यविद्या के इस प्राचीन संस्था के संरक्षण के लिए अनवरत प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय विकास समिति का गठन किया गया है, जिसमें काशी के उद्योगपतियों सहित देश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों एवं बैकों तथा समाजसेवियों को जोड़कर सीएसआर मद से अनवरत विकास यात्रा को आगे बढ़ाया जा रहा है।