बांदा में मौरंग खदानों से होने वाले अवैध परिवहन पर अब खनिज विभाग के अधिकारी तत्काल रोक लगा सकेंगे। इसके लिए मौरंग परिवहन में लगे वाहनों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) स्थापित किया जा रहा है। जिले में अब तक 1000 वाहनों में वीटीएस लगाया जा चुका है, जबकि कुल 1200 वाहनों में यह प्रणाली लगाई जानी है।
यह सिस्टम खदान से निकलने वाले मौरंग लदे वाहन के जाम में फंसने की अवधि या किस खदान से मौरंग लोड की गई थी, जैसी विस्तृत जानकारी मिनटों में उपलब्ध कराएगा। वीटीएस संबंधित क्षेत्र के खनिज विभाग के अधिकारियों के मोबाइल से जुड़ा रहेगा, जिससे वाहनों के परिवहन के दौरान सिस्टम पर लगातार अपडेट मिलते रहेंगे। यदि कोई वाहन किसी भी समय अवैध परिवहन करते पाया जाता है, तो उस पर सीधे 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह प्रणाली प्रथम चरण में बांदा और हमीरपुर जिलों में शुरू की गई है।
मौरंग के अवैध परिवहन को रोकने के लिए बांदा जिले में खनिज विभाग ने सीसीटीवी से लैस तीन चेक गेट भी स्थापित किए हैं। इनमें से दो नरैनी क्षेत्र में और एक मटौंध थाना क्षेत्र में स्थित है। ये गेट मौरंग परिवहन करने वाले वाहनों का रिकॉर्ड रखते हैं। वाहनों में वीटीएस लगने से उनके आवागमन का पूरा रिकॉर्ड खनिज विभाग के पोर्टल पर प्रदर्शित होगा, जिससे अधिकारी परिवहन की सत्यता और रॉयल्टी की जांच कर सकेंगे।
जिले में वर्तमान में सांड़ी, अमलोर खादर, मरौली-5, इटवां, सादी मदनपुर, सिंधनकला, तेरा, भदावल व मरका-4, पड़ोहरा, हटेटीपुरवा सहित कुल 16 मौरंग खदानें संचालित हैं। इन खदानों से लगभग 1200 वाहनों द्वारा मौरंग का परिवहन किया जाता है।
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