Breaking News

पहली बार महाकुंभ में गूगल नेविगेशन का किया जाएगा इस्तेमाल: प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की भव्यता को ध्यान में रखते हुए गूगल ने अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है।

 

यह तस्वीर 2019 के कुंभ की है लेकिन 2025 का महाकुंभ और भव्य और दिव्य बनाया जा रहा है।

संगम तीरे आयोजित होने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता को लेकर अब गूगल भी प्रभावित नजर आ रहा है। यही कारण है कि पहली बार अपनी पॉलिसी में बदलाव करते हुए गूगल ने नेवीगेशन के लिए किसी अस्थायी शहर (महाकुंभ मेला क्षेत्र)

.

इस एमओयू के तहत गूगल महाकुंभ के लिए स्पेशल नेवीगेशन तैयार करेगा, जिसकी मदद से श्रद्धालु यहां स्थित समस्त स्थलों, अखाड़ों और यहां तक कि साधु संतों की लोकेशन को ट्रैक कर सकेंगे।

जानिए, क्या होता है नेवीगेशन

नेवीगेशन को सरल शब्दों में कहें तो किसी स्थान पर ले जाने वाले रास्ते की विस्तृत जानकारी को कंप्यूटर या मोबाइल की भाषा में नेवीगेशन या मार्गदर्शन कहा जाता है। पुराने समय में लोग कागजी नक्शे या लोगों से पूछकर अपने गंतव्य की ओर जाते थे, लेकिन आधुनिक दौर में गूगल नेवीगेशन के माध्यम से यह काम अत्यंत आसान हो गया है। यह नेवीगेटर आपको न केवल स्थान का पूरा नक्शा दिखाते हैं, बल्कि कब और कहां मुड़ना है, इसकी भी विस्तृत जानकारी देते हैं।

गूगल सामान्य तौर पर पूरी दुनिया में बसे शहरों का नेवीगेशन देता है, लेकिन पहली बार उसने किसी अस्थायी शहर के लिए यह सुविधा प्रदान करने पर सहमति दी है। इसमें वह यहां की प्रमुख सड़कों, धार्मिक स्थलों, घाटों, अखाड़ों समेत प्रमुख संतों के स्थलों की जानकारी प्रदान करेगा।

करोड़ों श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा

अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर लोगों का समागम होता है, लेकिन गूगल ने आज तक किसी अस्थायी कार्यक्रम के लिए नेवीगेशन की अनुमति नहीं दी है। यह पहली बार है कि गूगल ने महाकुंभ की भव्यता और यहां जुटने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए अपनी पॉलिसी बदलते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र को अपने नेवीगेशन मैप में इंटीग्रेट किया है। गूगल और मेला प्राधिकरण के बीच हुए इस समझौते से यहां प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आने वाले करीब 45 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी श्रद्धालुओं को इस तकनीक का फायदा मिलेगा और वह आसानी से अपने गंतव्यों तक पहुंच सकेंगे।

डिजिटल कुंभ की परिकल्पना होगी साकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाआयोजन में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया है। मेला प्राधिकरण की यह पहल उनकी मंशा के अनुरूप है। इसके माध्यम से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी। अपने मोबाइल पर गूगल मैप के माध्यम से वो अपने गंतव्य का पूरा नेवीगेशन प्राप्त कर सकेंगे और उसके मार्गदर्शन में आसानी से लक्ष्य पर पहुंच पाएंगे।

यदि किसी श्रद्धालु को संगम तट पर जाना है, किसी खास अखाड़े का पता लगाना है, किसी मंदिर में शीश नवाना है तो उसे किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं होगी। अपने मोबाइल पर गूगल नेवीगेशन के जरिए वह आसानी से इसका पता लगा सकेंगे। नेविगेशन के प्रयोग से किसी संत विशेष तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

Check Also

अंबेडकरनगर में डीएलएड परीक्षा शुरू: 17 केंद्रों पर 7066 परीक्षार्थी शामिल, नकल रोकने को सख्त निगरानी

अंबेडकरनगर जिले में डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा सोमवार से शुरू हो गई। जिले …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *