अयोध्या में राम मंदिर में गर्भ गृह का निर्माण कार्य पूरा
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर का निर्माण तेजी के साथ हो रहा है। राम मंदिर के भूतल में शत-प्रतिशत काम पूरा हो गया है। प्रथम तल में फिनिशिंग के दस प्रतिशत काम के अलावा कुछ खंभों पर आइकोनोग्राफी से मूर्तियों के निर्माण का काम चल रहा ह
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा. अनिल मिश्र के अनुसार “प्राकृतिक बाधाओं पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है। इसके अतिरिक्त व्यवस्थाओं को यथासंभव मैनेज किया जा रहा है। सप्त मंडपम का निर्माण समय से पूरा हो जाएगा। सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र व महर्षि वशिष्ठ के अलावा माता शबरी, देवी अहिल्या व निषादराज के मंदिर आकार ले चुके हैं।
राम मंदिर में गर्भ गृह का निर्माण कार्य अंतिम चरण में
शेषावतार मंदिर के फाउंडेशन व प्लिंथ का निर्माण हो गया है और कालमों को खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुष्करिणी (कुंड) के निर्माण में अभी विलंब होगा क्योंकि कुंड निर्माण स्थल पर निर्माणाधीन सप्त मंडपम मंदिरों के पत्थर व अन्य निर्माण सामग्रियां रखी है। इनके हटने के बाद ही खाली स्थान पर निर्माण की स्थिति बन सकेगी। फिलहाल इसकी डिजाइन तैयार हो रही है।”
रामायण पर आधारित प्रसंग चित्रित हो रहा
राम मंदिर में रामायण पर आधारित भगवान राम के जीवन के प्रसंगों को अलग-अलग सैद्धांतिक दर्शन के अनुसार चित्रित किया जा रहा है। इस बारे में भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र का कहना है “परकोटे में ब्रांज मेटल (तांबा व कांसा का मिश्रण) के प्लेट पर रामायण के 90 प्रसंगों को एपिसोड के रूप में चिह्नित किया गया है। यह सभी प्रसंग भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की यात्रा से सम्बन्धित है। इन प्रसंगों को क्रमवार व्यवस्थित किया गया है। इसी तरह से राम मंदिर के लोअर प्लिंथ पर लगाए जाने मार्बल के 85 प्रसंग चिह्नित किए गए हैं। यह राम कथा है जिसमें भगवान की महिमा का गान किया गया है। इस रामकथा में एक-एक मार्बल के टुकड़ों जिनकी लंबाई व चौड़ाई छह गुणा तीन फिट पर वाल्मीकि रामायण के श्लोक उत्कीर्ण किए जा रहे हैं।”