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एक साल में 2 अरब से अधिक की ठगी: चोरी किए गए मोबाइल से खाली हो रहे अकाउंट, कंबोडिया के साइबर ठग हर छह महीने में बदल रहे हैं अपना तरीका – लखनऊ न्यूज़।

 

यूपी में साइबर ठगों के 20 संगठित गिरोह सक्रिय हैं। जो हर छह महीने में ट्रेंड बदलकर ठगी कर रहे हैं। जिसमें ज्यादा शेयर मार्केट, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन और घर बैठे रुपए कमाने की स्कीम कॉमन है। आजकल साइबर ठग सिम स्वैप से ठगी कर रहे हैं। यह उनका नया ट

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लखनऊ के साइबर थाने में जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक 292 मुकदमे दर्ज हुए हैं। साइबर ठगों ने डॉक्टर से लेकर व्यापारी तक को ठगी का शिकार बनाया है। वहीं प्रमुख सचिव से लेकर डीजीपी तक के नाम से फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर लोगों से पैसे वसूलने की कोशिश भी की।

इस एक साल में साइबर ठगों ने 2 अरब 67 करोड़ 27 लाख 84 हजार 415 रुपए लोगों से ठग कर अपने खातों में ले लिए। वहीं साइबर थाना पुलिस की सक्रियता के चलते 1 अरब 94 करोड़ 43 लाख 31 हजार 617 रुपए खातों में फ्रीज कराकर वापस करा दिए।

साइबर थाना प्रभारी ब्रजेश यादव ने दैनिक भास्कर को बताया कि डिजिटल अरेस्ट का गिरोह विदेश से ऑपरेट हो रहा है। जिसमें कंबोडिया और चीन में बैठे लोग इंडियन गिरोह से कमीशन के तौर पर काम करा रहे हैं। ब्रजेश यादव प्रदेश में सक्रिय 20 संगठित गिरोह और उनके बदलते ट्रेड के विषय में चौंकाने वाली जानकारी दी।

समय के हिसाब से साइबर ठग ठगी का तरीका भी बदल रहे हैं।

यूपी में मथुरा बना नया हब शहर में साइबर ठगों के 20 संगठित गिरोह एक्टिव हैं। इसका खुलासा पिछले दिनों हुई 117 साइबर ठगी से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी से हुआ है। प्रदेश में मथुरा साइबर ठगी का नया हब बना है। जहां डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट और घर बैठे पैसे कमाए नाम से ठगी करने वाले कॉल सेंटर चला रहे हैं।

यहीं के लोग प्रदेश भर में एटीएम स्वैप से ठगी कर रहे हैं। हालांकि एटीएम से ठगी का गिरोह कानपुर के चकेरी, महराजपुर और घाटमपुर से भी ऑपरेट होता है।

यूपी में अब जामताड़ा की जगह मेवात का गिरोह सक्रिय लखनऊ में आजकल जामताड़ा की जगह मेवात और देवगढ़ का गिरोह ज्यादा सक्रिय है। यह लोग बंगाल तक अपना जाल बिछाए हुए हैं। बंगाल के मेदनीपुर 24 परगना का एक गिरोह डिजिटल अरेस्ट और शेयर मार्केटिंग के नाम पर ठगी को लेकर अचानक सामने आया है।

यह गिरोह यूपी में सक्रिय झारखंड, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र के ठगों की तरह काम करता है। इधर केरला, तमिलनाडु और एमपी में भी साइबर ठगों ने अपने गिरोह का स्थापित कर लिया है।

सिम स्वैप बना नया ट्रेंड लखनऊ में सिम स्वैप कर साइबर ठगी नया ट्रेंड बना है। जिसमें गिरोह के सदस्य लोगों के मोबाइल फोन चुराते हैं। जिसके चंद ही घंटों के भीतर उस नंबर से कनेक्ट खातों और यूपीआई एप से पैसा खाली कर देते हैं। लखनऊ में पिछले एक माह में चार मामले इस तरह के दर्ज हुए हैं।

वहीं करीब दर्जन भर से ज्यादा मोबाइल चोरी और लूट के मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस ने इसको लेकर एडवाइजरी भी जारी की है, कि जैसे ही मोबाइल लूट या चोरी हो तो सिम के साथ उससे जुड़े बैंक अकाउंट में भी इसकी सूचना दे दें।

लखनऊ के साइबर थाने में जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक 292 मुकदमे दर्ज हुए हैं।

शहर में ठगी का कुछ इस तरह का चल रहा ट्रेंड लखनऊ में सबसे ज्यादा ठगी शेयर मार्केटिंग के नाम पर हो रही है। साइबर थाने में दर्ज करीब 80 प्रतिशत मामले इससे जुड़े हैं। साइबर थाने में दर्ज 292 में 148 मामले शेयर मार्केट में ज्यादा मुनाफे के नाम पर ठगी के ही हैं। जिसमें लोगों ने 49.91 करोड़ रुपए गंवा दिए।

दूसरे नंबर पर डिजिटल अरेस्ट और सोशल मीडिया पर बदनाम करने के नाम पर ठगी है। डिजिटल अरेस्ट के 36 और सोशल मीडिया पर बदनाम के नाम पर 39 मामले दर्ज हैं। इसी तरह जॉब के नाम पर 15 और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के नाम पर 11 मामले दर्ज हुए हैं।

फॉलोवर और पैसे मांगने के लिए बना रहे लोग डुप्लीकेट अकाउंट केस एक जनवरी 2024 को यूपी के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया गया। जिसके बाद उनके परिचितों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर पैसे मांगे गए।

यही नहीं जनवरी में ही सूचना निदेशक शिशिर सिंह का फर्जी फेसबुक अकाउंट भी बनाकर ठगी का प्रयास किया गया।

केस-दो यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार का दिसंबर में फर्जी इंटाग्राम और यू-ट्यूब चैनल बनाकर साइबर ठगों ने जयपुर दुर्घटना के नाम पर पैसे की मांग की। हालांकि समय रहते पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार करने के साथ फर्जी सोशल मीडिया एकाउंट बंद करा दिए।

अब बतातें है कैसे करते हैं यह लोग खेल साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक साइबर क्रिमिनल अधिकतर नामी लोगों के नाम पर फर्जी आईडी बनाते हैं। चाहे ठगी करनी हो या फॉलोअर गेम करना हो। क्योंकि लोग इनके नाम पर अकाउंट से आसानी से जुड़ते हैं और इनकी हर कही बात को सही मानते हुए फॉलो करने लगते। जिसके बाद यह ठगी का शिकार होते हैं।

साइबर ठगी करने वाले इनके अकाउंट से दोस्ती की रिक्वेस्ट भेजकर पैसे मांगते हैं। वहीं फॉलोवर गेम करने वाले ज्यादा फॉलोवर होने के बाद उस प्रोफाइल का नाम और फोटो बदलकर असली कर देते हैं। जिसका फायदा ओरजिनल नाम वाले को फॉलोअर की गिनती ज्यादा होने से मिलता है।

लखनऊ में कितने सक्रिय हैं साइबर ठग

  • साइबर थाने में दर्ज मुकदमे- 292
  • साइबर ठगों की गिरफ्तारी- 117
  • ठगी की गई रकम- 2672784415 रुपए
  • रिकवर की रकम- 1944331617 रुपए

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