बरेली में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने जिला मुख्यालय पर भूख हड़ताल और धरना-प्रदर्शन किया। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।
भाकियू (चढ़ूनी) के जिलाध्यक्ष केशव सिंह सोलंकी ने कहा कि किसानों की धान, मक्का और बाजरे की फसलें सितंबर में ही तैयार हो जाती हैं, लेकिन सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होती है। इस वजह से किसानों को मजबूरी में कम दामों पर अपनी उपज बेचनी पड़ती है। संगठन ने खरीद प्रक्रिया सितंबर से ही शुरू करने की मांग की।
गन्ने का दाम बढ़ाने पर जोर
किसानों ने गन्ने के समर्थन मूल्य में वृद्धि की मांग उठाई। उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा में गन्ने का भाव ₹400–₹401 प्रति क्विंटल है, जबकि उत्तर प्रदेश में किसानों को ₹67 तक कम मिलता है। भाकियू ने सभी किस्मों के गन्ने की अनिवार्य खरीद और ₹500 प्रति क्विंटल रेट तय करने की मांग की।
बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राहत
संगठन ने कहा कि गंगा-यमुना जैसी नदियों की बाढ़ से कई किसानों की जमीन बह चुकी है। ऐसे किसानों को पंजाब मॉडल की तर्ज पर रेत बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से संभल सकें।
राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
भाकियू (चढ़ूनी) ने साफ कहा कि यदि किसानों की मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो संगठन राज्यव्यापी आंदोलन करेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। उन्होंने तख्तियां उठाकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए और अपनी एकजुटता दिखाई।