गोंडा जिले में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। संभागीय परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में पंजीकृत 683 स्कूली वाहनों में से 116 वाहन बिना फिटनेस के संचालित हो रहे हैं। इन वाहनों में तकनीकी खामियां भी पाई गई हैं, जो बच्चों की जान के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं।
परिवहन विभाग की इस सख्ती के बाद अब स्कूल प्रबंधकों में हड़कंप मच गया है। संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) आरसी भारती ने 50 स्कूलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर तत्काल फिटनेस कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि तय समयसीमा में फिटनेस प्रमाणपत्र न कराने पर संबंधित वाहनों का पंजीयन निलंबित कर दिया जाएगा और भारी जुर्माना भी लगेगा।
लगातार अभियान चला रहा परिवहन विभाग यात्री कर अधिकारी शैलेंद्र तिवारी के अनुसार, गोंडा में स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। विभाग की चेतावनी के बावजूद कई स्कूल संचालक लापरवाही बरत रहे हैं और बिना फिटनेस के वाहन सड़कों पर दौड़ा रहे हैं
अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी रूप से अनफिट वाहनों का संचालन बच्चों की सुरक्षा के साथ सीधा खिलवाड़ है। जल्द ही नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू होगी।
अभिभावकों ने भी उठाई आवाज स्कूली वाहनों की बदहाली से अभिभावकों में भी गहरी नाराजगी है। कई अभिभावकों ने कहा कि बिना फिटनेस वाले वाहनों से उनके बच्चों को जोखिम में डाला जा रहा है। अभिभावकों ने मांग की है कि ई-रिक्शा जैसे असुरक्षित वाहनों से बच्चों को स्कूल भेजने पर भी रोक लगे और उन पर कड़ी कार्रवाई हो।