उन्नाव — सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बिछिया परिसर में गुरुवार को आशा कार्यकर्ताओं और संगिनियों ने मानदेय वृद्धि और बकाया भुगतान की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर शोषण का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो वे कार्य बहिष्कार करेंगी।
आशा संघ की अध्यक्ष ने कहा कि वर्षों से शासन-प्रशासन उनकी अनदेखी कर रहा है। उन्हें टीकाकरण, मातृ एवं शिशु देखभाल, जनसंख्या नियंत्रण, सर्वेक्षण और ग्रामीण स्वास्थ्य अभियानों जैसे कई कार्य सौंपे जाते हैं, लेकिन उसके अनुरूप भुगतान नहीं किया जाता। वर्तमान में उन्हें केवल 2000 रुपये प्रतिमाह का मानदेय मिलता है, जो उनके कार्यभार के अनुसार बहुत कम है।
अध्यक्ष ने यह भी बताया कि अप्रैल से नवंबर तक का मानदेय अब तक नहीं दिया गया है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को कई बार पत्र भेजने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक 6 माह का बकाया मानदेय और मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की जाती, वे काम पर नहीं लौटेंगी। आशा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी अधीक्षक डॉ. नरेंद्र कुमार को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें आशाओं का मानदेय 18 हजार रुपये और संगिनियों का 24 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग की गई है।
सीएचसी अधीक्षक ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर आश्वासन दिया कि उनकी मांगें तत्काल उच्चाधिकारियों तक भेजी जाएंगी और समस्या के समाधान के लिए सरकार को अवगत कराया जाएगा। हालांकि, आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों पर अडिग रहीं और कहा कि अब उन्हें केवल कार्रवाई चाहिए, वादे नहीं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे जिलेभर में सामूहिक कार्य बंद आंदोलन शुरू करेंगी। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आशा और संगिनी कार्यकर्ता शामिल रहीं।
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