बलरामपुर में बेमौसम बारिश से हुए फसल नुकसान पर जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने अधिकारियों की सर्वे रिपोर्ट पर कड़ी नाराज़गी जताई। मंगलवार को सदर तहसील के अड़ार पाकड़ और कलंदरपुर गांव के कई किसान अपनी खराब हुई धान की फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम को नुकसान की जानकारी दी।
किसानों की शिकायत सुनने के बाद डीएम ने पाया कि कई गांवों में राजस्व टीम ने मौके पर जाकर सही सर्वे नहीं किया था। रिपोर्ट में नुकसान 33 प्रतिशत से कम दिखाया गया था, जबकि किसानों को वास्तविक रूप से भारी क्षति हुई थी। उन्होंने कहा, “कई किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई, फिर भी रिपोर्ट में मामूली नुकसान दर्शाया गया — यह स्पष्ट लापरवाही है।”
डीएम ने निर्देश दिए कि अब लेखपाल और राजस्व निरीक्षक खुद खेतों में जाकर फसलों का भौतिक सत्यापन करें और दो दिनों के भीतर नई सर्वे रिपोर्ट तैयार कर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को सौंपें।
अड़ार पाकड़ गांव के किसानों ने बताया कि बारिश से खेतों में पानी भर गया, जिससे पकी फसल सड़ गई। उन्होंने कहा, “धान में अंकुर निकल आए हैं, अब मंडी में कोई खरीदार नहीं मिलेगा।”
डीएम ने बताया कि वे स्वयं उतरौला तहसील के कई गांवों का निरीक्षण कर चुके हैं और किसानों को आश्वासन दिया कि जिनकी फसल को वास्तविक नुकसान हुआ है, उन्हें हर हाल में मुआवजा दिया जाएगा।
सरकार की ओर से सिंचित भूमि वाले किसानों के लिए ₹8,500 प्रति हेक्टेयर और असिंचित भूमि वाले किसानों के लिए ₹17,000 प्रति हेक्टेयर की दर से क्षतिपूर्ति तय की गई है। जिले में कुल 3 लाख से अधिक किसान प्रभावित बताए जा रहे हैं।
Aaina Express
