सोनभद्र जिले के बभनी थाना क्षेत्र में एक झोलाछाप डॉक्टर द्वारा क्लिनिक सीज होने के बावजूद गांव-गांव घूमकर इलाज करने का मामला सामने आया है।
ग्रामीणों ने इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के अनुसार, बरवाटोला और बचरा गांव में पश्चिम बंगाल का निवासी मिहिर मालाकार, जिसे ‘बंगाली डॉक्टर’ कहा जाता है, क्लिनिक चलाता था और गांवों में घूमकर भी इलाज करता था।
जब मिहिर गांव में नहीं होता था, तो उसकी पत्नी काकोली मालाकार उर्फ सपना क्लिनिक संभालती थी। 1 फरवरी 2025 को ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की थी। इसके आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 20 जून 2025 को मिहिर मालाकार के खिलाफ बभनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
इसके बाद बचरा बाजार स्थित उसका क्लिनिक सीज कर दिया गया था। हालांकि, क्लिनिक सीज होने के बाद भी उसने इलाज बंद नहीं किया। अब वह अपने बरवाटोला स्थित घर से, जो प्राथमिक विद्यालय बरवाटोला द्वितीय जियो टावर के पास है, पत्नी के साथ मिलकर इलाज कर रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह बंगाली डॉक्टर खुद को सरकारी मान्यता प्राप्त बताता है और लोगों से कहता है कि जांच में उसे प्रशिक्षित पाया गया है, इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। इससे आसपास के गांवों में भी धड़ल्ले से इलाज जारी है और लोग उसे प्रशिक्षित डॉक्टर समझने लगे हैं।
राजेंद्र, दिलीप, सविता, उपेंद्र, दिनेश दत्त मिश्रा, मो. हसनैन, पार्वती देवी, देव प्रसाद पांडे, राजेश मौर्या, विभु मिश्रा, आशीष और सदाचंद सहित कई ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
Aaina Express
