झांसी के बिजनेसमैन प्रयागराज महाकुंभ के भव्य आयोजन से मालामाल हो गए। डेढ़ महीने चले दुनिया के सबसे बड़े आयोजन में तेल (पेट्रोल, डीजल), होटल और ट्रैवल व्यापार खूब चमका। इन तीन क्षेत्र में करीब 275 करोड़ का कारोबार हुआ है। इसके अलावा खानपान की दुकानों, रे
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13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान से लेकर दक्षिण भारत के कई जिलों के श्रद्धालु झांसी होते हुए महाकुंभ में डुबकी लगाने पहुंचे। लंबी दूरी तय करने के बाद ज्यादातर श्रद्धालुओं ने झांसी में रात्रि विश्राम किया। अलसुबह वे प्रयागराज के लिए रवाना हो गए।
होटलों के कमरे रहे फुल
झांसी में 60 होटलों में लगभग 1100 कमरे उपलब्ध हैं। महाकुंभ के दौरान ऐसा कोई भी दिन नहीं रहा, जब होटलों में कमरे खाली हों। हाल ये रहा कि होटल संचालकों को बैंक्वेट हॉल में भी लोगों के ठहरने की व्यवस्था करवानी पड़ी।
होटल कारोबारियों ने कमरे की किराए की दरों में भी डेढ़ से दोगुना तक इजाफा कर दिया था। कारोबारियों ने बताया गया कि दो लोगों का होटल में एक दिन ठहरने का औसतन चार हजार रुपये (खानपान समेत) ही मानें एक हजार कमरों की बुकिंग पर 40 लाख का कारोबार हुआ। वहीं, 45 दिनों में 18 करोड़ का कारोबार हो गया।
तेल खूब बिका, सीएनसी भी डलवाई
ट्रेन में भीड़भाड़ से बचने के लिए ज्यादातर लोगों ने महाकुंभ जाने के लिए चार पहिया वाहनों का सहारा लिया। ऐसे में डीजल-पेट्रोल से लेकर सीएनजी तक की खूब बिकी हुई। वीरांगना झांसी पेट्रोलपंप एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अखिलेश गुप्ता ने बताया कि झांसी में रोजाना तीन लाख लीटर पेट्रोल, दो लाख लीटर डीजल की खपत हुई।
ऐसे में साढ़े चार करोड़ रुपए की तो पेट्रोल-डीजल की ही बिक्री हुई। चूंकि, कई सीएनजी वाहन भी थे। सीएनजी पंपों पर तो एक से दो घंटे तक वाहन कतार में खड़े रहे। ऐसे में लगभग 50 लाख रुपए की सीएनजी की प्रतिदिन बिक्री हुई। कुल मिलाकर हर दिन पांच करोड़ और 45 दिनों में सवा दो अरब के डीजल, पेट्रोल और सीएनजी की खपत हुई।
32.90 करोड़ का ट्रैवल कारोबार
बुंदेलखंड ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिरुद्ध रावत ने बताया कि झांसी में लगभग 25 ट्रैवल एजेंट हैं। इनके पास लगभग एक हजार कारें और 25 टूरिस्ट बस हैं। महाकुंभ के दौरान बसों की बुकिंग लगभग 25 हजार रुपए में हुई। वहीं, छोटी कारों 10 से 12 हजार और बड़ी कारों की बुकिंग 17 से 18 हजार रुपये में हुई।
ऐसे में औसत प्रत्येक कार की बुकिंग 14 हजार रुपए की दर से हुई तो 1.40 करोड़ का एक दिन में कारोबार हुआ। चूंकि, आने-जाने में दो दिन लग जाते हैं। ऐसे में प्रतिदिन औसत कारोबार 70 लाख रुपए का आया। जबकि, तीन लाख रुपए से ज्यादा की टूरिस्ट बसों की बुकिंग हुई। इस हिसाब से 45 दिनों में 32.90 करोड़ का ट्रैवल कारोबार हुआ।