आगामी 28 अक्टूबर को अल्बानिया के तिराना में होने वाली वर्ल्ड सीनियर कुश्ती चैंपियनशिप के आयोजन को लेकर खेल मंत्रालय और भारतीय कुश्ती संघ के बीच तनाव बढ़ गया है। भारतीय कुश्ती संघ ने सरकारी हस्तक्षेप का हवाला देते हुए विश्व कुश्ती चैंपियनशिप से हटने क
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इस पर भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बयान दिया है कि विवाद तब उत्पन्न हुआ जब खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ पर प्रतिबंध लगा दिया। सिंह ने बताया कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग संघ भारत सरकार की बजाय भारतीय कुश्ती संघ को मान्यता देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान द्वारा हाई कोर्ट में संघ पर रोक की याचिका दायर करने के बाद से स्थिति और जटिल हो गई है, जिससे संघ के कामकाज में अड़चनें पैदा हो रही हैं।
खिलाड़ियों को चैम्पियनशिप में भेजने का आश्वासन दिया बीते दिनों भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह और कुछ खिलाड़ी केंद्रीय खेल मंत्री से मिले, जिसके बाद मंत्री ने खिलाड़ियों को चैम्पियनशिप में भेजने का आश्वासन दिया। इससे खिलाड़ियों में आशा की नई किरण जागी है।
बृजभूषण शरण सिंह ने धरने पर बैठे कुछ पहलवानों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ये पहलवान खेल गतिविधियों को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो पहलवान कुश्ती के विकास के लिए काम करने का दावा करते थे, वही अब कोर्ट में जा-जाकर खेल गतिविधियों को ठप करने में लगे हैं।
खेल मंत्रालय के बीच इस विवाद का समाधान हो सकेगा उन्होंने उम्मीद जताई कि खेल मंत्रालय के संज्ञान में मामले के आने के बाद जल्द ही कुश्ती संघ और खेल मंत्रालय के बीच इस विवाद का समाधान हो सकेगा।
इस विवाद के बीच कुश्ती चैंपियनशिप में भारत की भागीदारी और खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।