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उत्तर प्रदेश समाचार | सीएम योगी ने जारी की स्वामित्व योजना में तेजी लाने के निर्देश, शेष 91 हजार गांवों में 30 जून तक बनेंगे घरौनी

 

शेष 91 हजार गांव 30 जून तक होंगे तैयार, सीएम योगी ने स्वामित्व योजना की प्रक्रिया तेज करने के दिए निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Govt.) ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का प्रयास कर रही है. ऐसे सभी पात्र नागरिकों को सरकार द्वारा उनकी भूमि का पट्टा प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए ड्रोन सर्वे व अन्य प्रक्रिया से स्वामित्व योजना के माध्यम से सत्यापन कर लोगों को आवास वितरण किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार अब तक करीब 35 लाख आवासों का वितरण कर चुकी है, वहीं सीएम योगी के निर्देश के बाद शेष गांवों के सत्यापन की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है.

उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अनुसार शेष 90,900 गांवों के लिए 30 जून, 2023 तक आवास तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। सत्यापन एवं अन्य प्रक्रिया के साथ विभिन्न चरणों में इस लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।

समय सीमा निर्धारित करें

राज्य में अब तक स्वामित्व योजना के तहत 90,842 गांवों का ड्रोन सर्वे किया जा चुका है। जिन गांवों में फार्म-10 (घरौनी) अंतिम रूप से तैयार किया गया है, उनकी संख्या 34,801 तक पहुंच गई है। वहीं, अब तक कुल 51,32,192 आवास तैयार किए जा चुके हैं। 25 जून 2022 तक 34,69,879 आवासों का वितरण किया जा चुका है, जबकि इसके बाद 16,72,313 नए आवास तैयार किए जा चुके हैं। योजनान्तर्गत शेष ग्रामों में आवास तैयार करने का कार्य पूर्ण करने की कार्ययोजना हेतु समय सीमा निर्धारित की गयी है। निर्धारित समय सीमा के अनुसार 15 अप्रैल तक शेष सभी 90,900 गांवों को सर्वे ऑफ इंडिया से त्रुटि रहित मानचित्र-1 प्राप्त हो जाएगा। वहीं इन सभी गांवों के जिलों द्वारा 30 जून तक फॉर्म-10 (घरौनी) तैयार कर लिया जाएगा.

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90,900 गांवों का स्वामित्व सर्वेक्षण पूरा

योजनान्तर्गत खतौनी ग्रामों की कुल संख्या 1,10,344 है, जिसमें से 90,900 ग्रामों का स्वामित्व सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है। हालांकि अब भी 19444 गांवों का सर्वे नहीं हो सका है। इसके अलग-अलग कारण हैं। 10,993 गांव ऐसे हैं जो निर्जन हैं। दूसरी ओर, 1,019 गांवों का या तो नक्शा उपलब्ध नहीं है या नक्शा जर्जर स्थिति में है। जहां 4,046 गांवों को नगर निकाय में शामिल किया गया है, वहीं 3,386 गांवों का सर्वे नहीं होने के और भी कई कारण हैं। ज़िलों में 1,699 गाँवों के साथ गोरखपुर सूची में सबसे ऊपर है, जहाँ भूमि सर्वेक्षण की अधिकतम संख्या लंबित है।

 

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