Breaking News

UP समाचार: अब शिक्षकों को गंभीर बीमारी में एक लाख तक की सहायता दी जाएगी , साथ ही शादी के लिए अनुदान राशि भी बढ़ी है।

 

उत्तर प्रदेश के बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत गंभीर रोगों से ग्रसित शिक्षकों को अब एक लाख रुपये तक की सहायता दी जा सकेगी। वहीं दिवंगत शिक्षकों की बेटियों की शादी के लिए भी अनुदान राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है। यह निर्णय शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में हुआ।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान कोष से दी जानी वाली सहयोग राशि पर चर्चा की गई। इसके बाद सहमति बनी कि मृत शिक्षकों की बेटियों के विवाह के लिए दी जाने वाली आर्थिक अनुदान की राशि 10 हजार काफी कम है। इससे बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाए। वहीं गंभीर रोगों से ग्रस्त शिक्षकों को दी जाने वाली धनराशि 30 हजार रुपये से बढ़ाकर अधिकतम एक लाख करने की सहमति दी गई।

कार्यकारिणी समिति की बैठक में मंत्री ने कहा कि लंबित प्रकरणों के समय से निस्तारण के लिए राज्य कार्यकारिणी की होने वाली बैठक छह माह के स्थान पर हर तीन माह में आहूत की जाए। साथ ही योजना के तहत प्रदेश के गंभीर रोगों से ग्रस्त शिक्षकों व उनके आश्रितों की सहायता के आवेदन-पत्र ऑनलाइन लिए जाएं। इसके लिए एक पोर्टल विकसित कर समय से प्रकरणों का निस्तारण किया जाए।

 

 

समय-सारणी की रूपरेखा तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन

 

पोर्टल तथा समय-सारणी की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति के गठन पर भी सहमति बनी। बैठक में कहा गया कि योजना के अंतर्गत शिक्षक दिवस पर दो रुपये मूल्य के सांकेतिक झंडे बच्चों द्वारा दिए जाते हैं। यह राशि काफी कम होने के कारण कक्षा-1 से 8 तक के छात्रों से पांच रुपये की सांकेतिक सहयोग राशि व कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों से 10 रुपये प्रति झंडे निर्धारित की गई। बैठक में विशेष सचिव वित्त आरएल त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा के प्रधानाचार्य आदि शामिल थे।

Check Also

नड्डा आवास पर हुई बैठक: ‘विजय व्यक्तिगत नहीं, सामूहिक प्रयास का नतीजा’—बीजेपी अध्यक्ष का संदेश

    बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बिहार चुनाव में लगे प्रवासी नेताओं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *