पीठाधीश्वर स्वामी सतीशाचार्य महाराज
निर्वाणी अनी अखाड़ा, निर्मोही अनी अखाड़ा और दिगंबर अनी अखाड़ा ने कानपुर के कल्याणपुर आवास विकास निवासी प्रेमेश्वर पीठाधीश्वर स्वामी सतीशाचार्य को जगद्गुरु की उपाधि से विभूषित किया गया है। इस मौके पर कानपुर में संत समाज व सनातन धर्म के अनुयायियों में
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लोक कल्याण दृष्टिकोण ने दिलाया विशेष स्थान
स्वामी सतीशाचार्य महाराज वर्षों से सनातन धर्म की सेवा कर रहे हैं। उनकी आध्यात्मिक साधना, वेद-शास्त्रों में गहन निपुणता और समाज कल्याण के प्रति समर्पण भाव उन्हें अद्वितीय बनाता है। स्वामी सतीशाचार्य अपने प्रवचनों और सत्संग के माध्यम से हजारों लोगों को धर्म, भक्ति और ज्ञान के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर चुके हैं। उनकी दिव्य वाणी और लोक कल्याणकारी दृष्टिकोण ने उन्हें संत समाज में विशिष्ट स्थान दिलाया है।
युवाओं को भारतीय परंपराओं से जोड़ने का कर रहे काम
स्वामी श्री सतीशाचार्य जी महाराज ने गौवंश रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। वह गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के पक्षधर हैं और सरकार से इस दिशा में कठोर कदम उठाने की मांग कर चुके हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति और संस्कारों की रक्षा के लिए युवाओं को भारतीय मूल्यों और परंपराओं से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
जगद्गुरु की उपाधि मिलने के बाद स्वामी सतीशाचार्य ने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य सनातन धर्म की पताका को पूरे विश्व में ऊंचा करना है। उन्होंने कहा कि वह वैष्णव संत परंपरा और सनातन धर्म को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम करेंगे।