गोरखपुर में राजस्व कार्यों में किसानों और लेखपालों को डेढ़ महीने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समस्या मुख्य रूप से सर्वर के ठप रहने और नई OTP आधारित ऑनलाइन प्रणाली से उत्पन्न हो रही है, जिससे रजिस्ट्री और जमीन से जुड़े कई जरूरी काम समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं और किसानों को बार-बार दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
नई प्रणाली के तहत किसान के पैन कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है। OTP देर से आने या नंबर न होने की स्थिति में प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती। लेखपालों के अनुसार, पहले ऐसी दिक्कत नहीं थी, लेकिन नई प्रणाली शुरू होने के बाद अधिकांश आवेदन अटक रहे हैं।
लेखपाल सुबह 9 बजे से गांव-गांव जाकर किसानों से आवश्यक कागजात इकट्ठा करते हैं और दोपहर तक दफ्तर लौटकर ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करते हैं। लेकिन शाम 5 बजे के बाद सर्वर ठप हो जाने से काम बीच में ही रुक जाता है। भूमी अधिग्रहण के मामले में आए रमेश कुमार का कहना है कि हर दिन सर्वर की खराबी की वजह से उन्हें एक ही काम के लिए कई बार दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ता है।
सर्वर समस्या का सबसे ज्यादा असर रजिस्ट्री कार्यों पर पड़ा है। पहले जहां हफ्ते में छह-सात दिन रजिस्ट्री होती थी, अब यह घटकर चार-पांच दिन ही रह गई है, जिससे किसानों और जमीन से जुड़े लोगों को समय और पैसे दोनों का नुकसान हो रहा है।
इसके अलावा दफ्तरों में सुविधाओं की कमी भी है। कई कार्यालय दूसरी मंजिल पर हैं, जिससे बुजुर्ग और महिलाएं ऊपर चढ़ने में दिक्कत महसूस करती हैं। बैठने और पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है।
हालांकि, सर्वर और OTP की समस्याओं के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया है। किसान और लेखपाल दोनों चाहते हैं कि तकनीकी व्यवस्था सरल और पारदर्शी बनाई जाए, ताकि राजस्व कार्य समय पर पूरे हो सकें।