Breaking News

RRB गोरखपुर में फर्जी पैनल मामले की जांच शुरू: विजिलेंस टीम ने मांगे दस्तावेज, कर्मचारियों की भूमिका पर उठे सवाल – गोरखपुर समाचार।

 

RRB गोरखपुर में फर्जी पैनल जारी करने के मामले की स्थानीय विजिलेंस की टीम ने जांच शुरू कर दी है। इससे जुड़े दस्तावेज तलब किए गए हैं। इस मामले में चेयरमैन नुरुद्दीन अंसारी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। अब कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है

.

RRB गोरखपुर से मार्डन कोच फैक्ट्री के लिए 26 अप्रैल 2024 को पैनल जारी किया गया था। ऊपर से सात लोगों का पैनल आया था लेकिन स्थानीय स्तर से दो नाम बढ़ा दिए गए थे। ये नाम भर्ती बोर्ड में तैनात रहे दो कर्मचारियों के पुत्रों के थे। उन्होंने न तो फार्म भरा था और न ही परीक्षा ही दी थी। फर्जी डोजियर तैयार कर उनके नाम शामिल कर लिए गए थे। ट्रेनिंग भी करा दी गई।

बाद में पकड़ा गया मामला बाद में जांच के दौरान यह मामला पकड़ा गया। उसके बाद अकटूबर 2024 में भर्ती बोर्ड के चेयरमैन नुरुद्दीन अंसारी ने मार्डन कोच फैक्ट्री के अधिकारियों को पत्र लिखकर राहुल प्रताप व सौरभ कुमार को बर्खास्त करते हुए विधिक कार्रवाई करने को कहा था। साथ ही पैनल के अन्य अभ्यर्थियों की जांच की बात कही गई थी।

बर्खास्त किए जा चुके हैं दोनों मामला पकड़ में आने के बाद दोनों फर्जी नियुक्ति वाले युवक बर्खास्त किए जा चुके हैं। उनपर विधिक कार्रवाई की संस्तुति भी की गई है। इसके अतिरिक्त पैनल के अन्य अभ्यर्थियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई न करने को कहा गया है। उनकी जांच की बात कही गई है।

RRB में तैनात रहे कर्मियों के पुत्र हैं दोनों दोनों फर्जी नाम जिनके हैं, वे RRB में ही तैनात रहे दो कर्मचारियों के पुत्र हैं। चर्चा है कि दोनों कर्मचारियों की इसमें मिली भगत थी। लेकिन पैनल पर चेयरमैन के हस्ताक्षर होने से उनपर कार्रवाई हुई है। कार्यालय अधीक्षक व पैनल इंचार्ज चंद्रशेखर आर्य के पुत्र राहुल प्रताप व निजी सचिव द्वितीय राम सजीवन के पुत्र सौरभ के नाम शामिल किए गए थे। इसमें चंद्रशेखर सेवानिवत्त हो चुके हैं जबकि राम सजीवन का ट्रांसफर सिग्नल कार्यालय में कर दिया गया है। कर्मियों पर अभी कोई सीधी कार्रवाई नहीं दी गई है।

पैनल में थे 7, भेजा गया था 9 का नाम मार्डन कोच फैकट्री के लिए भेजे गए पैनल में 7 नाम थे। लेकिन 9 लोगों का नाम भेजा गया था। इन दोनों ने न तो फार्म भरा था न ही परीक्षा दी थी। इस मामले में कर्मचारियों पर ही संदेह है। स्थानीय विजिलेंस टीम की जांच शुरू होने के बाद संभावना जतायी जा रही है कि सेंट्रल विजिलेंस की टीम भी इसकी जांच कर सकती है।

Check Also

नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी: एसएसबी, पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीमें लगातार कर रहीं गश्त

बलरामपुर में भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। एसएसबी, पुलिस …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *