रायबरेली में कुछ साल पहले शहर वासियों को परिवार सहित घूमने फिरने का एक खुशनुमा माहौल न मिलने की शिकायत थी। मजबूरन लोग अच्छे पार्क की तलाश में पैसा खर्च करके परिवार सहित लखनऊ के पार्कों में घूमने चले जाया करते थे। लेकिन वर्ष 2024 में इस मांग को पूरा क
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पार्कों में कर सकेंगे सत्संग
मार्च महीने में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने उद्यान विभाग में पर्यावरणीय पार्क को शुरु किया गया। इस पार्क में सुंदर तालाब, फव्वारों के साथ ही लोगों के बैठने के लिए कक्ष बनवाए गए हैं।
यही नहीं लोगों को योगा करने की सुविधा भी मिली। बुुजुर्ग एकसाथ बैठकर आपस में सत्संग कर सकें या बातचीत कर सकें, इसके लिए अलग से कक्ष बनाया गया। खास बात यह है कि पार्क शहर के बीचो- बीच यह पार्क स्थित है, जहां पर लोग सुबह-शाम टहलने या फिर घूमने-फिरने के लिए आसानी से पहुंच जाते हैं।
जिला उद्यान विभाग परिसर में पार्क निर्माण व अन्य सुविधाओं पर करीब साढ़े सात करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पार्क में सुंदर तालाब बनवाया गया है, जिसमें फव्वारे लगवाए गए हैं। उसके ऊपर से आने-जाने के लिए पुल बनाया गया है। पार्क में आने वाले लोगों के बैठने के लिए तीन कक्ष बनवाए गए हैं।
योग करने के लिए अलग स्थान
योगा करने के लिए टिनशेड बनवाया गया है, जहां पर कोई भी किसी भी मौसम में योगा कर सकेगा। बुजुर्गों के सत्संग करने के लिए अलग से एक कक्ष का निर्माण कराया गया है। बच्चों के लिए झूले लगवाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगवाए गए हैं। जो लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं।
यही नहीं पार्क में आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राना बेनी माधव बक्श सिंह समेत अन्य महापुरुषों की प्रतिमाएं भी लगवाई गईं हैं। जल्द मिलेगा एक और बड़ा पार्क। आने वाले वर्ष में अयोध्या मार्ग पर शहर के देवानंदपुर मोहल्ले में डेढ़ करोड़ से पर्यावरणीय पार्क बनेगा। इससे लोगों को घूमने-फिरने का मौका मिल सकेगा।
उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेशी व्यापार एवं कृषि निर्यात मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत निर्मित होने वाले पार्क के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया है। पार्क का नाम पूर्व सांसद और प्रशासनिक अधिकारी श्रीश चंद्र दीक्षित के नाम पर होगा। नगर पालिका की ओर से पर्यावरणीय पार्क के लिए एक हेक्टेयर जमीन दी है। इसी जमीन पर पर्यावरणीय पार्क बनेगा।ऐतिहासिक शहीद स्मारक का हो रहा कायाकल्प नदी के किनारे शहीद स्मारक का कायाकल्प किया जा रहा। करीब 18 करोड़ की लागत से घाट व सड़कों का सौंदर्यीकरण हो रहा है।
लाइटिंग के साथ म्यूजियम बनेगा। पर्यटन विभाग 4.51 करोड रुपए से सई नदी के तट से लेकर पूरे परिसर को सजाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को निर्माण एजेंसी नामित करते हुए पहली किश्त के धनराशि दी गई है । आपको बता दें कि सई नदी के तट पर सात जनवरी 1921 को शहीद हुए किसानों की याद में शहीद स्मारक बनवाया गया ।
जिसका रखरखाव रायबरेली विकास प्राधिकरण करता है।इंदिरा उद्यान का किया जा सौंदर्यीकरणइंदिरा उद्यान के सौंदर्यीकरण के लिये सरकार की ओर से 2 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है। जिससे अब इंदिरा गांधी वनस्पतिक उद्यान की सुंदरता और भव्य हो जाएगी। रायबरेली जनपद से होकर निकलने वाले लखनऊ प्रयागराज एवं सई नदी के किनारे साल 1986 में 57 हेक्टेयर में बना इंदिरा गांधी उद्यान पार्क केवल घूमने का स्थान ही नहीं बल्कि यहां पर विभिन्न प्रकार की अवसरों और सजावटी पौधों का भी एक प्रमुख केंद्र है साथ ही अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिकों और पौधों के बारे में जानने वालों के लिए एक शैक्षणिक संस्थान भी है।
शहर में स्थित इंदिरा गांधी वानस्पतिक पार्क के कायाकल्प के लिए शासन स्तर से 2 करोड रुपए की कार्य योजना बनाई गई है। जिससे जल्द ही पार्क अत्याधुनिक सुख सुविधाओं से लैस होगा। साथ ही बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क बनाने की भी कार्ययोजना है। जिससे बच्चों को एक विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।